Best 10 Long Moral Story in Hindi | बच्चों के लिए नैतिक कहानियाँ

“Best 10 Long Moral Story in Hindi | बच्चों के लिए नैतिक कहानियाँ” में बच्चों के लिए रोचक मजेदार और प्रेरणादायक नैतिक कहानियाँ शामिल किया गया हे, जो बच्चों की भबिष्य केलिए अनमोल हैं।

ये कहानियाँ “Best 10 Long Moral Story in Hindi | बच्चों के लिए नैतिक कहानियाँ” सिर्फ बच्चों को मनोरंजन करती नहीं हैं बल्कि बच्चों में अच्छे भाबनाई अच्छे संस्कार, अच्छे नैतिक बिचार, ईमानदारी, अच्छे दोस्ती और मेहनत का महत्व भी शिखाती हैं। हर “Long Moral Story in Hindi” कहानी में एक सुंदर और नैतिक शिक्षा दिया गया है. जो बच्चों के साथ साथ बड़ों को भी सोचने पर मजबूर कर देता है।

Long Moral Story in Hindi | Top 10 Moral Stories in Hindi

हर कोई कहानियाँ ये कहानियाँ तरह “Long Moral Story in Hindi” हमेशा से बच्चों के दिल और दिमाग पर बेस रहते हे। ये “Long Moral Story in Hindi” कहानियाँ मनोरंजन के साथ साथ अपने जीबन की गहरे मूल्य और नैतिकता का शिख भी शिखते हे।

इस लेख “Best 10 Long Moral Story in Hindi | बच्चों के लिए नैतिक कहानियाँ” में बच्चों केलिए हम ऐसी ही कुछ नैतिक और प्रेरणादायक कहानियाँ लेकर आए हैं जो बच्चों को सच्चा और ईमानदारी, मन में दया, मेहनत और सच्चाई का महत्व समझने में मदत करेगा।

“Best 10 Long Moral Story in Hindi | बच्चों के लिए नैतिक कहानियाँ” की हर कहानियॉ में बच्चों के लिए एक बहुत ही कीमती संदेश लिखा गया है, जो बच्चों की व्यक्तित्व को उत्साहित करने में मदद करेगा।

माता-पिता और शिक्षक भी इन कहानियों के माध्यम से बच्चों में सकारात्मक सोच और नैतिक मूल्यों को बढ़ावा दे सकते हैं। तो आइए, पढ़ते हैं ये “Best 10 Long Moral Story in Hindi | बच्चों के लिए नैतिक कहानियाँ” और दिल को छू देने वाली हिंदी नैतिक कहानियाँ।

(1) आकाश की एक गेंद और हार ना मानने वाला क्रिकेटर | प्रेरणादायक नैतिक कहानी

Best 10 Long Moral Story in Hindi बच्चों के लिए नैतिक कहानियाँ

भारत में क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि एक भावना और संस्कृत है। देश की हर शहर हर गली हर मोहल्ले में बच्चे बल्ला और गेंद लेकर अपने सपनों को उड़ान देने की कोशिश करते हैं। ये कहानी “Long Moral Story in Hindi” ऐसी ही एक प्रेरक कहानी है जो एक छोटे से गाँव का एक साधारण लड़का आकाश का हे। जो अपने सपनों के पूरा करने केलिए लिए कभी हार नहीं माना

ये पूरी कहानी आकाश का हे जो एक छोटे से गाँव में उसका माता पिता के साथ रहता था। और उस गांव में एक अच्छा खेल की मैदान भी ढंग का नहीं था। आकाश के पिता एक मामूली किसान थे और परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर थी।
लेकिन आकाश की आँखों में सिर्फ एक सपना था भारत के लिए क्रिकेट खेलना।

आकाश हर दिन स्कूल से लौटकर वह अपनी पुरानी फटी गेंद और लकड़ी के टुकड़े से बने बल्ले के साथ मैदान में घंटों घंटों तक अभ्यास करता था। लेकिन गाँव के बच्चे बहुत बदमाश थे आकाश को बहुत चिढ़ाते थे ““आकाश, तेरा बल्ला तो बिलकुल टूटा है और गेंद भी फटी है, तू क्या टीम इंडिया में खेलेगा?”

आकाश बस मुस्कराता और मुस्कुराते हुए जवाब देता, “गेंद चाहे फटी हो, लेकिन मेरा हौसला कभी नहीं टूटेगा।

अचानक एक दिन आकाश की गाँव में एक जिला स्तरीय क्रिकेट टूर्नामेंट का घोसना हुआ। आकाश ने भाग लेने के लिए कमिटी की दप्तर में गया लेकिन आकाश के पास टूर्नामेंट की फीस देने के पैसे नहीं थे। जब आकाश की स्कूल की छुट्टि हो जाता था तब आकाश दूसरे की खेतों में मजदूरी करके धीरे धीरे टूर्नामेंट की पैसे इक्कट्ठा की।


आख़िरकार आकाश ने टूर्नामेंट की एंट्री फीस कमिटी की दप्तर में जाकर भर दिया। और आकाश की बह सपनो की दिन आगेया। लेकिन मैदान पर हालात अभूत ही कठिन थे क्यूंकि बाकी खिलाड़ी के पास अच्छा किट्स, ग्लव्स और नई गेंदों थे।
और आकाश के पास बस एक पुरानी गेंद और घिसा हुआ बल्ला था।

कोच ने उसे देखकर कहा, “बेटा, ये जिला स्तरीय का प्रोफेशनल टूर्नामेंट है, यहाँ जुनून नहीं, परफॉर्मेंस चाहिए।”

लेकिन आकाश ने सिर झुकाकर कहा, “सर, परफॉर्मेंस ही तो जुनून से ही निकलती है, अगर जूनून नहीं रहेगा तो परफॉर्मेंस कैसे होगा।”

पूरा मैदान की दर्शोक तालिया बजने लगा और पुरे मैदान तालियों से गूँज उठा। ये देखकर कोच हैरान था। उस एक गेंद ने आकाश की किस्मत बदल दिया। उसी पल उसे “हार ना मानने वाला क्रिकेटर” का नाम मिला। उसके बाद आकाश ने बहुत ही अच्छा खेला।

चयनकर्ताओं ने आकाश की गेंदबाजी देखकर बहुत ही खुश हुआ, लेकिन आकाश को उसबक्त टीम में नहीं लिया गया,
कमेटी की तरफ से कहा गया कि आकाश को अभी भी “टेक्निक में सुधार करने की जरूरत है।” बहुत सारे बच्चे तो यह सुनकर हार मान लेते हे, लेकिन आकाश ऐसा नहीं किया।

आकाश रोज सुबह 4 बजे उठकर मैदान में प्रैक्टिस करता था, और दिन में स्कूल जाता था, शाम को खेतों में पिता जी का मदद करता था और रात को अपने बल्ले और गेंद से अपने सपनो की बातें करता था।

स्पोर्ट्स डे एक दिन आकाश के गाँव में स्पोर्ट्स डे का उतसब रखा गया और बहा एक बड़े क्रिकेट अकादमी के कोच आए।
आकाश ने मौका नहीं गंवाया। उसने अपनी पूरी मेहनत और आत्मविश्वास से गांव के सभी को उसका खेल दिखाया। आकाश ने उस दिन जबरदस्त खेला।


उसकी गेंदों की स्पीड और लाइन देखकर कोच ने पूछा, “बेटा, तुम किस अकादमी से ट्रेनिंग लिए है?” आकाश ने मुस्कराते हुए कहा, “सर, मैंने अपने गांव की खेतों में गेंदबाजी सीखी है जहाँ मेरे गांव की मिट्टी और मेरा मेहनत की पसीना ही मेरा कोच है।”

आकाश की बात कोच की दिल को छू गया और प्रभावित होकर कोच ने आकाश को अपनी अकादमी में फ्री ट्रेनिंग का ऑफर दिया। और कुछ दिन के बाद आकाश शहर चला गया, लेकिन गाँव की मिट्टी की खुशबू आकाश की दिल में हमेश रहा हे।

आकाश की नया अकादमी में शुरू में सब कुछ नया था, नए लोग, नई ट्रेनिंग कोच, नई चुनौतियाँ। कई बार आकाश गिर जाता था, थक जाता था, लेकिन उसके अंदर की आग कभी भी बुझने नहीं दिया। धीरे धीरे आकाश जिला टीम में चुना गया।
और कुछ सालों में ही आकाश ने स्टेट टीम में जगह बन लिया था।


अब आकाश की बह सपना पूरा होने जा रहा था जो आकाश ने बचपन से देखते आरहा था। और एक दिन, वह पल आभी गया जब आकाश रनजी ट्रॉफी में खेलने के लिए चुना गया।

खेल शुरू हुआ और जब टीवी पर कमेंटेटर ने कहा, “देखो ये हैं एक छोटा सा गाँव का लड़का आकाश जिन्होंने मिट्टी से सपने बुने थे,” ये सुनकर आकाश की पूरा गाँव तालियों से गूँज उठा। ये सुनकर आकाश का माँ की आँख असुये से भर गया, लेकिन वो आँसू खुशी के थे।

कहानी का संदेश (Moral of the Story)

ये कहानी “Long Moral Story in Hindi” “आकाश की एक गेंद और हार न मानने वाला क्रिकेटर” हमें सिखाती है कि

  • सपने छोटे या बड़े नहीं होते हे, हौसले और सपने बड़े होने चाहिए।
  • संसाधन नहीं, संकल्प महत्वपूर्ण होता है।
  • अगर हम खुद पर विश्वास रखें, तो कोई भी मुश्किल रास्ता आसान बन सकता है।
  • हार मानना अंत नहीं है, बल्कि फिर से उठने का मौका है।

आकाश की “Long Moral Story in Hindi” कहानी उन लाखों बच्चों के लिए प्रेरणा है जो छोटे कस्बों और गाँवों से बड़े सपने देखते हैं। ये कहानी से साबित होता है कि “सफलता उसीको मिलता है जो ईमानदारी से मेहनत और कोशिश करना कभी नहीं छोड़ता हे।”

Long Moral Story in Hindi निष्कर्ष (Conclusion)

आकाश की ये “Long Moral Story in Hindi” कहानी सिर्फ क्रिकेट के मैदान तक सीमित नहीं है। यह हर उस बच्चों और व्यक्ति के जीवन की कहानी है जो अप्पने जीबन में संघर्ष करता है, बह गिरता है लेकिन फिर से उठ के खड़ा होता जाता है। जब हालात कठिन होता हे, तब हमें अपनी “एक गेंद” यानी एक कोशिश और करनी चाहिए, क्योंकि कौन जानता है, वही गेंद हमारी कहानी की दिशा बदल सकती है।

(2) स्मार्टफोन दोस्ती तोड़ दे या बनाए? | बच्चों के लिए नैतिक कहानी

Best 10 Long Moral Story in Hindi बच्चों के लिए नैतिक कहानियाँ

आज के समय में मोबाइल फोन हमारे जीवन का चाहे छोटे बच्चे या बड़े बुजुर्ग सबके लिए एक अहम हिस्सा बन चुका है। सुबह की शुरुआत अलार्म से और रात का अंत स्क्रीन की रोशनी में होती है। पर हमने कभी सोचा है कि ये स्मार्टफोन हमारी दोस्ती को कितना “अनस्मार्ट” बना रहा है? इसी सोच को खूबसूरती और स्मार्ट से दिखाती है रिया और शाई की ये “Long Moral Story in Hindi” कहानी।

रिया और शाई बचपन से बहुत ही अच्छी दोस्त थीं। दोनों एक ही स्कूल जाते थे, एक ही क्लास में पड़ते थे, एक ही पार्क में दोनों एक साथ खेलते थे और हर छोटी बड़ी खुशी साथ बाटँते थे। गर्मी की छुट्टियों में एकसाथ आम के पेड़ पर चढ़के आम खाना, बारिश में कागज़ की नाव बनाना यही उन दोनों की दुनिया थी।

शाई हमेश केहेती हे, “रिया, हमारी जीबन का सबसे अच्छा दोस्त है।”

और रिया मुस्कराकर जवाब देती, “और ये दोस्ती ये जीबन में कभी नहीं टूटेगी।”

लेकिन वक़्त के साथ साथ चीज़ें बदलने लगी, लोग बदलने लगा, दुनिया बदलने लगा, नया नया चीजे आने लगा। जैसा स्मार्टफोन।

रिया को उसके जन्मदिन पर एक स्मार्टफोन मिला। स्मार्टफोन देखकर पहले तो शाई भी बहुत खुश हुई , साथ में फोटो क्लिक करना, गाने सुनना, नए ऐप्स सीखना, वीडियो गेम खेलना सब रोमांचक था। लेकिन धीरे धीरे मोबाइल रिया की ज़िंदगी का सबसे बड़ा हिस्सा बन गया।

स्मार्टफोन मिलने के बाद रिया की सुबह सोशल मीडिया नोटिफिकेशन से होता था और रात चैट करने पर ख़त्म होती थी।
रिया बदल चूका था, अब बह पहले जैसी नहीं रही। खेलने की बजाय वीडियो स्क्रॉल करता था, और बात करने की बजाय स्टेटस अपडेट करता था।

शाई ने बहुत बार कहा, रिया चल बाहर चलते हैं, पार्क में सब दोस्त तेरा इंतज़ार कर रहे हैं।”
रिया फोन से बिना नजरे हटाए शाई से कहा, “अरे यार, अभी नही गेम की ये लेवल पार करना है।”

धीरे-धीरे शाई और रिया के बीच दूरियाँ बढ़ने लगीं।

अब शाई के साथ स्कूल एकसाथ नहीं जाता था। स्कूल में भी रिया अलग अलग सा रहता था। अब बह दोस्तों के साथ एकसाथ बैठना भी बंद कर दिया। लंच के वक्त भी मोबाइल में लगा रहता था।

रिया की बर्ताब देखकर शाई को बुरा लगने लगा, उसे लगा कि रिया अब मुझे भूल गई है। कई बार उसने कोशिश की, रिया से बातें करने केलए, लेकिन रिया का ध्यान हमेशा स्मार्टफोन के स्क्रीन में लगे रहता था।

एक दिन शाई ने कहा, “रिया, तू अब पहले जैसी नहीं रहा। अब तो तुझे सिर्फ फोन से दोस्ती है।” रिया ने हसकर जवाब दिया,
“ओह, शाई मेरा दोस्त ये मोबइल तो अब मेरी ज़िंदगी बन चुकी हे। और सबकुछ इसी मोबाइल में तो है, जैसे दोस्तों से बात करना हे तो मोबाइल, क्लास नोट्स, गेम और भी बहुत कुछ।”

उस दिन शाई और रिया दोनों के बीच पहली बार बहस हुई, और शाई चुपचाप स्कूल से आपने घर चला गया।

कुछ हफ़्ते बाद स्कूल की तरफ से एक पिकनिक का घोषणा हुआ। स्कूल के सरे बच्चे बहुत ही उत्साहित थे। रिया भी अपना फोन साथ लाई ताकि फोटो और वीडियो बना सके। पिकनिक के दौरान सरे बच्चों एक जंगल के पास पहुँचा, जहाँ थोड़ी दूरी पर एक नदी थी।

सब बच्चे एक साथ खेल रहे थे, बाते कर रहे थे, तभी अचानक नदी में शाई का पैर फिसल गया और वह नदी के किनारे कीचड़ में गिर पड़े।
वो बहुत ही घबरा गया था और मदद के लिए जोर जोर से चिल्लाई , “रिया! बचा ले मुझे में नदी में गिर गया हु!”

रिया उस वक्त अपने फोन से जंगल का वीडियो बना रही था। पहले तो रिया को बिलकुल एहसास ही नहीं हुआ कि शाई सच में मुसीबत में है। लेकिन जब रिया ने शाई की चीख सुनी, तब रिया ने बिना कुछ सोचे फोन को नीचे फेंका और शाई को बचने के लिए दौड़ पड़ी।

रिया ने देखा की शाई नदी की कीचड़ में दबे हुए हे, रिया ने अपनी पूरी ताकत लगाकर शाई का हाथ पकड़ा और उसे शाई को खींचकर नदी की कीचड़ से बाहर निकाला।
दोनों ही थक गया था और डर गया था। दोनों ही रोते रोते ज़मीन पर बैठ गईं। रिया ने डर से काँपते हुए कहा, “शाई मुझे माफ़ कर दे। मैं फ़ोन में इतना खो गई था कि तुझे देख भी नहीं पाई।”

शाई ने आँसू पोंछते हुए मुस्कराकर कहा, “कोई बात नहीं रिया, मुझे पता था की तू मुझे बचाने केलए जरूर आएगी। बस मुझे तेरी वही पुरानी दोस्ती बपाश चाहिए था।”

रिया ने कहा “अगर इस फोन की वजह से मैं अपनी दोस्त को खो देता, तो ये फोन मेरे किसी काम का नहीं हे। रिया ने ”फोन उठाया और नदी में फेक दिया। उस दिन के बाद रिया ने तय किया कि मोबाइल अब उसकी दोस्ती के बीच कभी भी नहीं आएगा।

रिया और शाई फिर से पहले जैसी बन गईं। अब वे दोनों साथ मिलकर स्कूल जाता था, दोनों बातें करता था, हँसता था और जीवन की छोटी छोटी खुशियाँ एक दूसरे से बाटते था।

रिया ने कुछ दिन बाद एक नया मोबाइल लिया लेकिन अब बह मोबाइल सिर्फ जरुरत पड़ने पर ही इस्तेमाल करता था और बाकि समय पढ़ाई और आपने दोस्तों और परिबार से दिन गुजर ता था।

रिया ने कुछ दिन बाद सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाला “रिश्ते रियल हैं, स्क्रीन वर्चुअल, इसलिए आपने और आपने दोस्तों परिबार से दिल से जुड़ो, मोबाइल से नहीं।”

रिया के यह पोस्ट पूरे स्कूल और पुरे शहर में चर्चा का विषय बन गई। कई बच्चों ने रिया की तरह अपने फोन का इस्तेमाल सीमित कर किया और ज़्यादा समय दोस्तों और आपने परिवार के साथ बिताने लगे।

कहानी का संदेश (Moral of the Story)

“स्मार्टफोन दोस्ती तोड़ दे या बनाए?” “Long Moral Story in Hindi” ये कहानी हमें सिखाती है कि….

  • Technology हमारी सिर्फ मदद के लिए बनी है, हम Technology का गुलाम बनने के लिए नहीं बने हे।
  • लाइक और कमेंट से कहीं ज्यादा जरूरी है आपने रिश्तों समय देना।
  • हमारे दोस्ती तब सच्ची होती है जब हम एक दूसरे की भावनाओं को समझें, सिर्फ मोबइल के स्क्रीन पर नहीं बल्कि दिल से जुड़ें।
  • मोबाइल एक साधन है, हमारा जीवन नहीं।

Long Moral Story in Hindi निष्कर्ष (Conclusion)

हम सभी के जीवन में रिया जैसा कोई ना कोई समय आता है, जब हम डिजिटल दुनिया में इतने खो जाते हैं कि हम अपने असली रिश्तों से बहुत ही दूर हो जाते हैं। इसलिए कहता हु की हमारी जीबन की सच्ची खुशी मोबाइल की स्क्रीन में नहीं, दिल से दिल मिलने में होते है।

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Long Moral Story in Hindi निष्कर्ष (Conclusion)

Long Moral Story in Hindi” में हर कहानियाँ बच्चों केलिए एक नया नैतिक शिक्षा देता हे। जो बच्चों के लिए बर्तमान और भबिष्य के लिए बहुत ही महाबपूर्ण हे। यदि आपको हमारा ये “Best 10 Long Moral Story in Hindi बच्चों के लिए नैतिक कहानियाँ” पसंद आये तो जरूर एक कमेंट करके बताई ताकि हमें और भी नया नया ऐसी कहानियाँ लिखने में मदत करे।

इस लेख में आपकी राय हमारे लिए बहुत ही महत्बपूर्ण हे। आप हमारे साथ जुड़ने केलए मेरे तरफ से ध्यन्यबाद। आपका दिन शुभ हो।

Long Moral Story in Hindi FAQ

Q. बच्चों के लिए नैतिक कहानियाँ क्यों जरूरी हैं?

A. बच्चों के लिए नैतिक कहानियाँ इसलिए जरुरी हे, ताकि उनके व्यक्तित्व और सोच को विकसित करने में मदद करे। ये कहानियाँ बच्चों को ईमानदारी, सहानुभूति, मेहनत और मित्रता जैसे महत्वपूर्ण मूल्यों को सिखाती हैं।

Q. ये कहानियाँ कितनी लंबी हैं?

A. “Long Moral Story in Hindi” का हर कहानी 800 से 100 शब्दों से लिखी गई हे। और हर कहानी पड़ने में 5 से 7 मिनिट का समय लग सकता हे। इस “Long Moral Story in Hindi” की सभी कहानियाँ लंबी और विस्तारपूर्ण से लिखी गई हैं, ताकि बच्चे कहानियाँ पड़ने की बक्त कहानी में पूरी तरह सें डूब सकें और कहानियाँ का हर संदेश अच्छे से समझ सकें।

Q. किया ये कहानियाँ सभी उम्र के बच्चों के लिए हैं?

A. हां, ये “Long Moral Story in Hindi” कहानियाँ विशेष रूप से 6-14 वर्ष के बच्चों के लिए उपयुक्त हैं, लेकिन बड़े भी इनसे जीवन के महत्वपूर्ण सबक सीख सकते हैं।

Q. किया ये कहानियाँ डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी पढ़ी जा सकती हैं?

A. जी हां बिलकुल पड़ी जा सकता हे, ये “Long Moral Story in Hindi” कहानियाँ हमारे storyinhindi.net वेबसाइट में उपलब्ध हे।

Q. इन कहानियों से बच्चों को किया सीखने को मिलेगा?

A. ये “Long Moral Story in Hindi” कहानियों से बच्चे बहुत कुछ सीख पाएंगे जैसे कि जीवन में सही और गलत का फर्क किया होता हे, मेहनत करने से किया मिलता हे, ईमानदारी से दोस्ती कैसे निवति हे, परिबार के साथ समय बिताना, एक दूसरे की मदत करना और ईमानदार रहना।


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