Best Moral Stories Sher aur Khargosh ki Kahani | शेर और खरगोश की कहानी

प्रिय मित्रो , आप लोग कैसे हो उम्मीद करता हूं आप लोग बहुत अच्छे होंगे। आज मैं आप लोगों के लिए (Sher aur Khargosh) की एक मजेदार और रोचक कहानी लेकर आया हूं। जिसमें एक नन्हा सा चालाक खरगोश ने एक बड़ा भयंकर शेर को अपना चालाकी से मार दिया।

क्या है शेर और खरगोश की यह पूरी कहानी? चलिए यह कहानी के बारे में विस्तार से जान लेते हैं। (Sher aur Khargosh) यह कहानी बहुत ही रोचक कहानी में से एक है, और मैं आशा करता हूं यह कहानी आप सभी को मनोरंजन करेंगे।

Lion and Rabbit Story in Hindi | शेर और खरगोश की कहानी

आज से बहुत साल पहले की बात है, एक विशाल जंगल में एक भयंकर, खूंखार-बे रेहेम शेर रहता था। वह शेर एक बहुत बड़ा गुफा में रहता था। वह शेर अपना गुफ़ा से निकल कर प्रतिदिन कोई न कोई जानवर को मार कर उसे खा जाता था।

कई कई बार तो जानवरों को आधा खा करके बाकी हिस्सा जंगल में फ़ेक देता था। दिन प्रतिदिन शेर का अत्याचार बढ़ते जा रहा था। जंगल की राजा थे इसलिए कोई भि जानवर उसका विरोध करने से डरता था। और इसी तरह शेर अपना जीवन गुजर रहा था।

जंगल में बैठक (Sher aur Khargosh ki Kahani)

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जंगल में जितने भी जानवर था सब मिलकर एक बैठक का आयोजन किया। सब गंभीर सोच में पड़ गया था कि यह भयंकर खूंखार शेर से हम सबको कैसे मुक्ति मिलेंगे। हाथी ने बोला ऐसा कब तक चलेगा अगर ऐसा चलेंगे तो पूरा जंगल खाली हो जाएगा और हम सब समाप्त हो जाएंगे।

सब जानवर ने गहरा सोच में पड़ गया, और सब मिलकर बहुत देर तक सोचा उसी वक्त हिरन ने बोला हमारा दिमाग में एक बुद्धि आया कि हम लोगों में से प्रतिदिन कोई ना कोई एक जानवर उनका भोजन बनकर लिए जाएगा। इस बात पर चूहा ने कहा ठीक है इसके अलावा दूसरा रास्ता भी तो नहीं है।

फिर सब मिलकर एक फैसला किया, कि हम सब मिलकर शेर महाराज के पास जाएंगे और उनको हम सब मिलकर यहीं बात बताएंगे। शायद शेर महाराज मान जायेंगे।

शेर के पास जंगल का सभी  जानवर विनती लेकर मिलने आया

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उसी बक्त सब मिलकर शेर महाराज के पास गया, शेर गुफा की बहार ही थे, शेर ने दूर से देककर मन ही मन में सोचते लगा आज तो चमत्कार हो गया सभी जानवर हमारे पास खुद ब खुद आ रहा है, आज भोजन अच्छा मिलेगा मन भर जाएगा भोजन करके। सभी जानबर शेर महाराज के पास आया।

शेर ने गुस्से से बोला क्या हुआ सभी एक साथ यहां पर, किया हुआ ? तब बंदर ने कहा हे शेर महाराज आपके पास एक विनती लेकर आया हूं। शेर महाराज बहुत गंभीर से बोला क्या है? जल्दी बताओ मुझे बहुत भूख लगी है मुझे भोजन करना है। बंदर ने बोला महाराज, आप इस जंगल का महाराजा हो और हम सभी आप का प्रजा हु।

इस तरह आप सबको आपका भोजन बनाएंगे तो हम सभी समप्त हो जाएंगे। इस जंगल में एक भी जनवरी नहीं बचेंगे, आपको भोजन के लिए कोई जानबर नहीं मिलेगा, और आप अकेली पर जाएंगे।  

जंगल में प्रजा ही नहीं रहेंगे तो आपको महाराजा कौन कहलाएगा आपको मान सम्मान कौन देगा अब तो भूखा मर जाएंगे और नहीं तो इस जंगल छोड़कर आपको तो जंगल में जाना पड़ेगा इसलिए आपके पास आया हूं आप कोई उपाय बताइए जो इस समस्या को हल करने के लिए।  

शेर महाराज सोच में पड़ गया बंदर की बातों से, शेर ने सोचने लगा बंदर तो सही कह रहा है। अगर प्रजा ही नहीं रहेगा तो राजा का क्या मतलब है, हम तो अकेले पड़ जाएंगे भूख प्यास है से मर जाएंगे, तब जाकर शेर महाराज ने बोला आप सभी ने बताओ क्या करना चाहिए इस समस्या का समाधान कैसे निकाले?

तब लोमड़ी ने कहा, है शेर महाराज एक उपाय तो है जो इस समस्या का समाधान को मिटा सकता है। शेर ने कहा जल्दी बताओ वह उपाय क्या है? लोमड़ी ने बोला, महाराज भोजन करने के लिए आपको जंगल में जाना नहीं पड़ेगा, आपको मेहनत करके शिकार को ढूंढना नहीं पड़ेगा। शेर ने कहा वह कैसे?

लोमड़ी ने कहा, हम सभी जानवर मिलकर यह फैसला किया की रोज आपके पास कोई ना कोई एक जानवर आपका भोजन का शिकार होने के लिए खुद ब खुद आपके पास आएगा और आप खुशी खुशी आप भोजन का आनंद ले सकते हो।

शेर महाराज मन ही मन में बहुत आनंद हुआ और सोचा ऐसा होगा तो मेरा जीवन धन्य हो जाएगा। मुझे तो किधर भि शिकार ढूढ़ने जाना ही नहीं पड़ेगा, हम  अपना जिंदगी आराम से गुजर सकते हैं।

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तब शेर महाराज ने गंभीर से बोला, ठीक है आप सब मिलकर जब बोल रहे हो तो आप सभी का बात मैं मान लेता हूं। लेकिन? अगर एक दिन भी जानवर नहीं आया तो हम जंगल में जाकर सभी जानवरों को मारकर खा जाएंगे।

लोमड़ी ने बोला नहीं महाराज ऐसा एक दिन भी नहीं जाएगा जो आपको भोजन नहीं मिलेगा, रोज कोई ना कोई जानबर आपके पास आपका भोजन का शिकार होने के लिए जरूर आएंगे।

शेर महाराज ने बोला, ठीक है – कल से सुबह सुबह किसी एक जानवर को भेज देना हमारा भोजन के लिए। लोमड़ी ने बोला, ठीक है महाराज ऐसा ही होगा। शेर ने बोला, अभी मैं विश्राम करूंगा आप सभी यहां से चले जाओ । सभी जानवर शेर का गुफा से जंगल में चले गया।

सभी जनबरोका जंगल में दुबारा बैठक

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शाम को सभी जानवर में मिलकर एक और एक सभा का आयोजन किया, सभी जानवर  उस सभा में आए और सब बहुत दुखी थे सबका मन में यह था कल सुबह कौन जाएगा? इसी बात को लेकर सभी जानवर बहुत चिंतित थे। 

तब जाकर एक फैसला हुआ, लोमड़ी ने बोला सबसे पहले कल सुबह शेर महाराज का भोजन के लिए हिरन जाएगा। यह सुनकर हिरन ने रोने लगा। तब सभी जानवर हिरन को समझाया और बोला, किसी ना किसी को तो एक दिन जाना ही पड़ेगा।

और हम में से कोई नहीं जाएगा तो वह बेरहम शेर आकर हम सभी को मारकर खा जाएंगे। तब हिरन ने बोला आप सभी मिलकर जब बोल रहे हो, ठीक है कल सुबह में ही जाऊंगा।

सभा खत्म करने के बाद सभी अपना अपना जगह पर चला गया, कोई भी जानबर रात को ठीक से खाना नहीं खा पाया, सोया भी नहीं है सब बहुत दुखी थे। 

हिरण शेर के पास आया  शेर का भूख मिटाने के लिए

फिर सुबह हिरन आया, और जंगल में सब से मुलाकात की, रोते-रोते दुखी मन लेकर शेर महाराज की गुफा में पहुंचा। हिरन शेर महाराज को आवाज दिया, शेर महाराज में हिरन हु आपका भोजन का शिकार होने के लिए आया हु, कृपा करके बहार आइए, और मुझे शिकार करके आपका भूक मिटाइये।

शेर सुनकर तो बहुत खुश हुआ, शेर ने  तुरंत बाहर आया और बेरहम शेर हिरन को मार कर अपना भोजन बनाया। ऐसा करके बहुत दिन बीत किया, किसी दिन बंदर को अपना भोजन बनाया, किसी दिन हाथी को अपना भोजन बनाया, किस दिन लोमड़ी को अपना भोजन बनाया और किसिदिन गधा को।

चालक खरगोश शेर के पास गया, शेर का भूक मिटने के लिए

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एक दिन सुबह खरगोश बाड़ी आया, सभी मिलकर फैसला किया आज खरगोश को जाना ही पड़ेगा। खरगोश तो बहुत चिंतित हो गया, खरगोश सोचने लगा आज तो मेरी मौत पक्की है, बचने का कोई उम्मीद है ही नहीं है। 

लेकिन खरगोश जितना छोटा था उतना ही चालाक था, खरगोश चल पड़े शेर महाराज के पास शेर महाराज का भजन का शिकार होने के लिए। खरगोश रास्ते में चली रहा था, चलते चलते वह मन मन में सोचने लगा शेर से बचने का क्या उपाय किया है, सोचते ही सोचते खरगोश एक कुएं के पास आया। 

वह कुएं पानी से भरा हुआ था। तब खरगोश का दिमाग में एक बुद्धि आया। तब खरगोश मन में सोचा मुझे मुक्ति का उपाय मिल गया है। शेर का खाने का समय पार हो गया, शेर सोचने लगा इतना देर क्यों हो रहा है, अभी तक मेरे पास कोई भी जानवर क्यों नहीं आया?

शेर भूक से तरफ रहा था, इसके बजे के शेर बहुत गुस्से में था। तब चालाक खरगोश धीरे-धीरे बहुत देर से शेर महाराज के पास जाकर पहुंचा। 

खरगोश की ऊपर शेर की गुस्से (Sher aur Khargosh ki Kahani)

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शेर महाराज ने बोला इतना देर क्यों किया मैं बहुत गुस्से में हूं, मुझे बहुत भूख लगी है और तुम इतनी छोटी हो मेरा भूख कैसे मिटाओगे? तब खरगोश ने बहुत नम्रता से बोला, है शेर महाराज हम सभी जानवर जानते हैं एक खरगोश से आपका भूख नहीं मिटेगा।

इसलिए हम सभी जानवर मिलकर यह फैसला किया आज शेर के पास 15 खरगोश जाएगा। Sher aur Khargosh हम सभी खरगोश आपके पास आ रहा था, लेकिन रास्ते पर और एक शेर मिला।

बो सेर हम सभी के ऊपर हमला किया और अपना भोजन का शिकार बनाया, सिर्फ मैं ही मुश्किल से कैसे भी करके अपना जीवन बचा कर आपके पास आया।

खरगोश की यह बात सुनकर शेर महाराज ने को बहुत गुस्सा आया और शेर महाराज जोर जोर से गरजने लगा। और कहने लगा कौन है वह बदतमीज जो मेरा  भोजन खाने का  दुस्साहस किया।

शेर का दिमाग गुस्से में काम नहीं कर रहा था, तब शेर ने खरगोश को बोला कौन है वह जो मेरा भोजन खाने का गलती की? खरगोश ने बोला, शेर महाराज वह बहुत बड़ा शेर था, और आप सभी बहुत बलवान था। 

शेर महाराज खरगोश बात सुनने के बाद और गुस्सा होने लगा। खरगोश को बोला कहां है वह शेर मुझे उनके पास लेकर चलो आज मैं उन्हीं को शिकार बना कर आप ना भूख मिटाऊंगा। 

खरगोश बहुत प्यार से बोला, “जी महाराज” मुझे मालूम है वह कहां रहता है, थोड़ी दूर में एक जंगल है उसमें एक गुफा है उसी का अंदर जाते हुए उनको देखा था। 

शेर ने बोला जल्दी चलो मुझे और बर्दाश्त नहीं हो रहा है? खरगोश ने बोला जी महाराज मेरे साथ आइए मैं आपको उनके पास लेकर जाता हूं।

खरगोस सेर को कुएं के पास लेकर आया 

sher aur khargosh ki kahan
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खरगोश अपना चतुराई से  शेर महाराज को कुएं के पास लेकर चला। खरगोश बोला है शेर महाराज वह शेर इसी  गुफा में जमीन का अंदर रहता है। शेर महाराज बहुत गुस्सा में उस कुए के ऊपर चरा।

कुए की थोड़ा ही नीचे है पानी था और शेयर ने पानी में  उसी का परछाई दिखी, परछाई देखकर शेर ने सोचा सही में यह तो बड़ा ही शेर है, शेर महाराज ने बहुत गुस्से में गर्जन किया और उसी की आवाज दूसरा शेर की आवाज सुनकर शेर महाराज को बहुत गुस्सा आया और गुस्से में दूसरा सेर को मारने के लिए उस कुएं में छलांग लगा दी।

कुएं में पानी बहुत गहरा था थोड़ी ही देर में शेर महाराज पानी में डूब कर मर गया।

खरगोश की खुशी  

खरगोश ने अपना चतुराई और बुद्धि पर बहुत ही खुश हुआ और इसी तरह खरगोश ने भयंकर शेर से अपना जीवन बचा लिया और जंगल का सभी जानवर को शेर से मुक्ति दिलाया। 

खरगोश  बेहद खुश होकर जंगल की ओर चल पड़ा और सभी जानवर से भेंट की। सभी जानवरों को खरगोश ने आपना चतुराई कहानी बताया, यह कहानी सुनने के बाद सभी जानबर बहुत खुश हुआ।

सबका चेहरे पर मुस्कुराहट आने लगी और सब मिलकर यह फैसला किया आज से इस जंगल का मुखिया खरगोश ही बनेगा। और सब मिलकर खरगोश को उस जंगल का मुखिया बनाया। और सब खुशी-खुशी अपना जीवन जीने लगा।

नैतिक शिक्षा :-जिनके पास बुद्धि हे उन्हीका जीत निश्चित है। 

Conclusion – निष्कर्ष –

प्रिय मित्रो, यदि आपको हमारा यह “Best Moral Stories Sher aur Khargosh ki Kahani | शेर और खरगोश की कहानी” पसंद आया तो आपका सुझाव हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

शेर और खरगोश “Sher aur Khargosh की कहानी से हमको यह सीख मिलना चाहिए ,अपना जीवन में कितना भी मुश्किल का घड़ी आए तो घबराना नहीं है अपना अंदर का बुद्धि से उस समस्या का समाधान निकलना पड़ेगा तब जाकर कहीं पर भी मुश्किल कटनी नहीं लगेगा।हम प्रयास करेंगे तो हर कठिन समस्या का समाधान कर सकते हैं।

शेर और खरगोश की कहानी FAQ

Q. Lion and Rabbit Story in Hindi का मतलब किया हे?

A. Lion and Rabbit Story in Hindi का मतलब शेर और खरगोश की कहानी हिंदी में।

Q. शेर और खरगोश की कहानी से हमें किया नैतिक शिक्षा मिलता हे?

A. शेर और खरगोश की कहानी से हमें ये सीख मिलता हे की बुद्धि ही सर्वश्रेष्ठ हे।

Q. शेर कहा रहता था?

A. शेर जंगल की एक गुफा में रहता था।

Q. शेर ने कुएं में किया देखा?

A. शेर ने कुएं में आपने ही प्रतिबिंब देखा।

Q. शेर को गुस्सा क्यों आया था?

A. शेर भूक से तरफ रहा था, इसके बजे के शेर बहुत गुस्से में था।
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