आज में आपके लिए “Abraham Lincoln’s Best Success Motivational Story in Hindi | अब्राहम लिंकन की सफलता की प्रेरक कहानी” यानि सफल लोगो की एक सच्ची प्रेरक कहानी लेकर आया हु।
ये कहानी “Best Success Motivational Story in Hindi – Abraham lincoln Biography in Hindi Language” अब्राहम लिंकन की सफलता की कहानी हे। जो अमेरिका के 16 बे राष्ट्रपति, जिन्होंने अमेरिका को सबसे बड़े संकट अमेरिकी गृह युद्ध से बचाया और अमेरिका में दास प्रथा का अंत किया।
अब्राहम लिंकन का जन्म 12 फरवरी 1809 केन्टकी अमेरिका में हुआ था। इनको बचपन से ही कड़ी मेहनत करना पसंद नहीं था जिसके कारण उनके परिवार वाले और पड़ोसी उन्हें आलसी कहते थे।
Best Success Motivational Story in Hindi
दोस्तों, अब्राहम लिंकन, इस इंसान का जितना फेमश नाम है उसे ज्यादा फेमस इस बंदे का स्ट्रगल है। 12 फरवरी 1809 में इस इंसान का जन्म हुआ। वह भी एक ऐसे घर में जहा लोगों को दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं थी।
यह इंसान सिर्फ 3 साल का था कि उनकी फैमिली को अपना घर छोड़ना पड़ा। और जॉब ये इंसान 9 साल का हुआ एक खतरनाक बीमारी की वजह से इस बंदे ने आपने मां को भी खो दिया।
और जब ये इंसान15 साल का हुआ तो इस बंदे ने अपने बाप का साथ भी गाबा दिया। और यह बंदा अब अकेला हो गया था। पर पेट भरने के लिए इस इंसान को कभी किसान बनना पड़ा तो कभी सब्जी बेचने पड़ा। पर इस इंसान की घर कंडीशन को देखकर इस बंदे को पोस्टमैन की जॉब ऑफर की और इस इंसान ने खुशी-खुशी बह जॉब को भी आपने भी लिया।
इस इंसान ने पोस्टमैन की जॉब से मिली सैलरी से इस इंसान ने लॉयर की पढ़ाई की, वह भी नहीं स्कूल जाकर और ना ही कॉलेज जाकर। खुद के दम पर इस बंदे ने लॉयर की पढ़ाई पूरी की और इस बंदे को पोस्टमैन की जॉब से भी निकाल दिया गया। पोस्टमैन की जॉब से निकालने के बावजूद भी इस इंसान ने अपनी हिम्मत नहीं हारी।
उसके बाद इस बंदे ने खुद के दम पर ही बिजनेस को शुरू किया लेकिन वह बिजनेस बनने से पहले ही खत्म हो गया। इस बंदे ने सरे काम कर दिया तो जो उसने कर सकता था। इस बन्दे ने 28 की उम्र में शादी की।और इस शादी से 4 बच्चे हुए और 4 बच्चों मै से 3 बच्चों की मोत हो गयी।
3 बच्चों की मोत होने पे इस इंसान को गहरा सदमा पहुंचा। जिंदगी से हरा हुआ ऐसा बंदा जिसने सब कुछ खो दिया था। इनको शॉक तो तब लगा जब खतना बीमारी की वजह से इसने अपनी बीवी को भी खो दिया।
जिंदगी से यह इंसान हार मान चुका था। इस बंदे ने कई बार तो सुसाइड की भी कोशिश की। और यह बंदा 30 की उम्र में ही डिप्रेशन में चला गया। इतना सब कुछ होने के बावजूद भी इस इंसान ने हार नहीं मानी।
दोस्तों, तो चलिए Abraham Lincoln की सफलता की प्रेरक “Best Success Motivational Story in Hindi” कहानी पूरी बिस्तर से जानते हे –
हार ना मानने बालो लोगोंकी कोशिश बेकार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। दोस्तों आज मैं बात करने जा रहा हूं अमेरिका के अब तक के सबसे लोकप्रिय राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन की।
Abraham lincoln Biography in Hindi Language
हार मान लो नहीं तो कोशिश बेकार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। दोस्तों आज मैं बात करने जा रहा हूं अमेरिका के अब तक के सबसे लोकप्रिय राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन की।
जिन्होंने अमेरिका सहित पूरे विश्व में दास प्रथा को खत्म करने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। लेकिन उन्होंने जिन संघर्षों के बाद यह मुकाम हासिल किया था, मुझे नहीं लगता कि उनके अलावा यह किसी और के बस की बात होगी।
अब्राहम लिंकन “Best Success Motivational Story in Hindi” का बचपन इतनी गरीबी में बीता, कि उनके पूरे परिवार को घर के लिए दर-दर ठोकरें खानी पड़ी। उनके पिता के पास इतने पैसे भी नहीं थे कि बह अब्राहम को स्कूल भेज सके।
लोगों से मांगे हुए किताबों से अब्राहम ने पढ़ाई की। अपना पेट पालने के लिए वह बचपन से ही मजदूरी करना स्टार्ट कर दिया। 9 साल की उम्र में उन्होंने अपनी मां को खो दिया। जिस लड़की से प्रेम किया और शादी करना चाहते थे उसकी भी मृत्यु हो गई।
दास प्रथा के खिलाफ लड़ने के लिए चुनाव की तरह जाने की कोसिस किया तो उसमें भी उन्हें कई बार हार का सामना करना पड़ा। उनकी जिंदगी में एक समय ऐसा भी था जब छुरी और चाकू से बह दूर रहते थे।
ये भी पड़े:
- Best Moral Stories Sher aur Khargosh ki Kahani | शेर और खरगोश की कहानी
- Physical Reality Best Horror Story in Hindi Real Story | डर एक एहसास हे
क्योंकि वह अपने आप से इतने हार गए थे, कि वह डर था, वह खुद को न मार ले। लेकिन दोस्तों, अगर हार मान मनो नहीं तो कोशिश बेकार नहीं होती। कोशिश करने वालों कभी हार नहीं मानता।
अपने संघर्षों के दम पर उन्होंने अमेरिका के 16 बे राष्ट्रपति का चुनाव जीता और अमेरिका को उसकी सबसे बड़े संकट अमेरिकन सिविल वर यानि अमेरिकी गृह युद्ध से बचाया और दास प्रथा को जड़ से खत्म कर दिया। तो दोस्तों, आइए गरीबी से लेकर वाइट हाउस तक का सफर तय करने वाले अब्राहम लिंकन के बारे में डिटेल में जानते हैं।
अब्राहम लिंकन “Best Success Motivational Story in Hindi” का जन्म 12 फरवरी 1809 को अमेरिका के केन्टकी राज्य में हार्डिन नाम की एक जगह पर हुआ था। उनके पिता का नाम थॉमस क्लिंटन और मां का नाम नैंसी लिंकन था।
उनका पूरा परिवार बहुत ही गरीब था। और खुद के बनाए हुए मकान में रहता था। अब्राहम लिंकन के अलावा उनकी एक बड़ी बहन भी थी जिसका नाम सारा था।
थामस और नैंसी को अब्राहम के बाद और पुत्र हुआ लेकिन बचपन में ही उसकी मृत्यु हो गई। लिंकन की पिता थॉमस किशन थे और साथ ही साथ कारपेंटर की भी काम करते थे। अब्राहम के जन्म की 2 सालों के बाद ही जमीन के विवाद की वजह से लिंकन परिवार को वह जगह छोड़ना पड़ा।
जिसके बाद 1811 में वहां से 13 किलोमीटर उत्तर की तरफ Knob Creek Farm रहे आ गए। और वहां पर उन्होंने जमीन को खेती के लायक बना कर काम करना शुरू किया। लेकिन कुछ समय के बाद यहां पर भी उन्हें जमीनी विवाद झेलना पड़ा और फिर से उस जगह को भी छोड़कर जाना पड़ा। जिसके बाद 1816 में लिंकन परिवार इंडिया कि कोहिनु नदी के किनारे आकर बस हेय।
जहां पर उन्होंने घने जंगल में खेती करना शुरू कर दिया। दोस्तों, बता दूं यहां पर आज भी उनके घर और खेतों को एक आस्मारक के रूप में सुरक्षित रखा गया है। “Best Success Motivational Story in Hindi” अब्राहम लिंकन जब 6 साल के हुए तब उन्हें एक स्कूल में पढ़ने के लिए भेजा गया लेकिन घर की आर्थिक स्थिति को देखते हुए उन्हें खेतो में काम करके अपने पिता का हाथ बटाना पड़ता था।
और उनके पिता भी कभी नहीं चाहते थे कि वह पढ़ाई लिखाई करें। इसी वजह से ना चाहते हुए भी कुछ ही दिनों में अब्राहम को पढ़ाई छोड़ना पड़ा। हालांकि उन्हें पढ़ाई लिखाई का बहुत शौक था। और वह दूसरों से किताबें लेकर जब भी वक्त मिलता पड़ने लगते थे। उसी बीच उनके जीवन में एक बहुत ही दुखद मोड़ तब आया जब 5 अक्टूबर 1818 को अब्राहम की मां की मृत्यु हो गई।
उस समय अब्राहम केवल 9 साल के थे। मां की मौत के बाद घर की पूरी जिम्मेदारी अब्राहम की बड़ी बेहेन सारा पर आ गई। उसमे सारा भी केवल 11 साल की थी। 1 साल बाद घर की परेशानियों को देखते हुए थॉमस ने एक विधवा महिला से शादी कर ली। जिसका नाम सराह बुश जॉनसन था। उस महिला के 3 बच्चे पहले से थे।
“Best Success Motivational Story in Hindi” अब्राहम को सौतेली मां ने उसकी मां से भी ज्यादा प्यार दिया और कभी भी मां की कमी महसूस नहीं होने दी। साथ ही साथ उसने उनकी पढ़ाई लिखाई में भी पूरी सहायता की। अब्राहम अपनी सौतेली मां को बहुत मानते थे। राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होने एक इंटरव्यू में कहा कि मैं आज जो भी हूं उसका पूरा श्री उनकी मां को जाता है।
अब्राहम के पिता उसे बहुत दूर व्यवहार रखते थे और वह बिल्कुल भी नहीं चाहते थे वह पढ़ाई लिखाई करें। इसीलिए अब्राहम खुद का खर्च चलाने के लिए बचपन में सीखे हुए कारपेंटर के काम का इस्तेमाल करके एक नाव बनाई। “Best Success Motivational Story in Hindi” और नाब का वाहक बनकर माल पहचाने का काम शुरू कर दिया। साथ-साथ लोगों के खेतों में जाकर काम भी करते थे। कुछ समय बाद उनकी एक दुकान में नौकरी लग गई और वहां उन्हें पढ़ाई का भी थोड़ा समय मिलने लगा।
यहीं पर रहते हुए उन्होंने अपने खुद के दम पर बिना किसी कॉलेज के Low की पढ़ाई शुरू कर दी। लॉ की पढ़ाई के समय ही एक बार ही पता चला कि नदी की दूसरी तरफ कि गांव में एक Retired George रहते हैं। जिसके पास Low की बहुत सारी किताबें हैं। लिंकन ने यह तय किया कि वे उस जज के पास जाएंगे और उसी रिक्वेस्ट करेंगे कि वे अपने किताबों की कलेक्शन को उन्हें भी पढ़ने दे।
ये भी पड़े:
- Invaluable 5 Good Thoughts of Lord Buddha
- How to take the Right Decision in Life Gautam Buddha ki Kahaniya in Hindi
उन दिनों बहुत ही जोरदार ठंड पड़ रही थी लेकिन लिंकन ने बिना किसी परवा के बर्फी नदी में अपना नाब उतार दी। थोड़ी दूर जाने पर उनका बरफ से टकरा गया और वहीं पर उनकी नाब टूट गया। “Best Success Motivational Story in Hindi” फिर भी लिंकन ने हार नहीं मानी और तैरते हुए नदी को पार कर उनके घर पहुंच गए। और उनकी किताबों को पढ़ने की रिक्वेस्ट की।
Retired George ने उनको लगन को देखते हुए अपनी किताबों को पढ़ने की अनुमति दे दी। लेकिन उस समय उनके घर पर काम करने वाला नौकर छुट्टी पर था इसीलिए उन्होंने लिंकन को अपने घर के कामों को करने के लिए कहा। जिसे लिंकन ने भी खुशी-खुशी स्वीकार कर ली। Retired George के घर के लिए जंगल से लकड़ियाँ काट कर लेट, उनकी जरूरत का पानी भर ते, साथ ही साथ घर का हर काम करते थे।
और पारिश्रमिक के नाम पर मात्र पुस्तक पढ़ने की छूट थी। “Best Success Motivational Story in Hindi” लेकिन लिंकन इससे भी बहुत खुश थे। कुछ समय के बाद लिंकन को एक गांव में पोस्ट मास्टर की जब मिल गए जिसकी बजह से लोग उन्हें जानने लग गए थे और उनका सम्मान करने लगी।
अब अब्राहम लिंकन ने स्थानीय लोगों की परेशानी को देखते हुए राजनीति में घुसने का सोचा। कि उस समय दास प्रथा चरम पर था। लिंकन को शुरू से गुलामों पर हो रहे अत्याचारों से सख्त नफरत थी। और वह दास प्रथा को खत्म करना चाहते थे। इसी विचार के साथ उन्हों ने राजनीति में प्रवेश किया और विधायक का चुनाव लड़ा।
लेकिन उस चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा। उधर चुनाव लड़ते समय उन्होंने पोस्ट मास्टर की नौकरी भी छोड़ दी थी। जिससे उनके पास पैसों की बहुत कमी हो गई।
अब्राहम लिंकन वैसे तो महिलाओं की दूरी रहते थे। लेकिन 24 साल की उम्र में Ann Rutledge नाम की एक लड़की से बेपनाह मोहब्बत हो गई थी। “Best Success Motivational Story in Hindi” लेकिन दुर्भाग्य से कुछ दिनों की बाद ही Ann Rutledge की एक गंभीर बीमारी से मृत्यु हो गयी।
Ann Rutledge की मृत्य से अब्राहम को गहरा सदमा पहुंचा था। और वह घंटो घंटो तक अपनी प्रेमिका की कब्र के पास बैठकर आंसू बहाया करते थे। अब्राहम लिंकन की जीवन में सब कुछ उनकी खिलाफ चल रहा था। लिंकन का एक समय ऐसा भी था कि वह अपनी जिंदगी से इतना निराश हो चुके थे कि वह चाकु छुरीओं से दूर रहते थे।
क्योंकि उन्हें डर था कि वह खुद को ना मार ले। उस समय उनकी एक मित्र ने उनका मनोबल बढ़ाया और उनको डिप्रेशन से बाहर निकाला। अपने दोस्त की मदद से लिंकन फिर से विधायक का चुनाव लड़े और इस बार वह चुनाव जीत गए। चुनाब जीत ने के बाद उनकी गिनती सबसे युवा विधायकों की में जाने लगी और फिर धीरे-धीरे उन्होंने युवाओं को अपनी ओर आकर्षित किया।
अब विधानसभा में बह खुलकर बोलते थे। “Best Success Motivational Story in Hindi” जिसकी वजह से वहां भी उनकी बातों को महत्व दिया जाने लगा था। उनके द्वारा स्प्रिंगफील्ड को नई राजधानी बनाने के मुद्दे पर सरकार को उनकी बात भी माननी पड़ी थी।
अब्राहम लिंकन को अब वकील बनने के लिए लाइसेंस मिल गया था और फिर उनकी मुलाकात एक मशहूर वकील स्टीवर्ड से हुई। बह एक दूसरे के साथ मिलकर काम करने लगे। लेकिन कुछ दिनों तक काम करने के बाद स्टीवर्ड ने उनका साथ छोड़ दिया और अब्राहम वकालत में भी असफल हो गए।
क्योंकि वह गरीबों की केस लड़ने के लिए फी नहीं लेते थे। और पूरा जीवन कभी भी झूठा मुकदमा नहीं लड़ा। लेकिन उन्होंने असफल ही सही 20 सालों तक वकालत की। क्योंकि उस काम को करने पर उन्हें मानसिक शांति मिलती थी। दोस्तों, उनकी वकालत की दोनों की बहुत सारी कहानियां उनकी ईमानदारी और सज्जनता की गवाही देते हैं।
लिंकन और उनके एक सहयोगी वकील ने एक बार किसी मानसिक रोगी महिला की जमीन पर कब्जा करने वाले एक दबंग आदमी को अदालत से सजा दिलवाई।
मामला अदालत में केवल 15 मिनिट तक चला, जिसके बाद सहयोगी वकील ने महिला के भाई से पूरी फी ले ली। उसके बाद उस वकील ने अब्राहम से खुशी-खुशी बताया कि उस महिला फी चूका दी हे और बह अदालत के निर्णय से बहुत खुश है।
“Best Success Motivational Story in Hindi” लेकिन लिंकन ने तुरंत कहा कि मैं खुश नहीं हूं, वह पैसा एक बेचारी रोगी महिला का है और मैं ऐसा पैसा लेने के बजाय भूखे मरना पसंद करूंगा। अगर तुम्हें अपनी फी चाहिए तो तुम ले लो लेकिन मेरे हिस्से के पैसे उसे तुरंत वापस कर दो।
ये भी पड़े:
- Serbian Dancing Lady Ghost Horror Story in Hindi for Kids
- Select 5 Best Small Panchatantra Stories in Hindi | पंचतंत्र की नैतिक कहानियाँ
1842 में लिंकन ने मेरी नाम की एक लड़की से शादी कर ली। मेरी ने एक के बाद एक चार बेटे को जन्म दिया। लेकिन उनमें से 1843 में जन्मा केवल रॉबर्ट जीवित रह सका और बाकी सभी बच्चों की बचपन में ही मृत्यु हो गई।
1807 में लिंकन संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़े और आखिरकार अमेरिका की 16 बे राष्ट्रपति बनकर उन्हें “Best Success Motivational Story in Hindi” अपने जीवन की सबसे बड़ी सफलता हासिल की।
6 नवंबर 1860 को अमेरिका के 16 बे राष्ट्रपति बनने के बाद लिंकन ने ऐसे महत्वपूर्ण कार्य किए जिनका राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय महत्व भी है। लिंकन की सबसे बड़ी उपलब्धि अमेरिका को गृह युद्ध से उभारना था। अमेरिका के संविधान में संशोधन द्वारा दास प्रथा के अंत का स्री भी लिंकन को ही जाता है।
14 अप्रैल 1865 को “Best Success Motivational Story in Hindi” राष्ट्रपति लिंकन और उनकी पत्नी Washington DC Theaters में एक नाटक देखने आए हुए थे। जहां एक मशहूर अभिनेता John Wilkes ने उन्हें गोली मार दी।
और अगले दिन 15 अप्रैल 1865 को अब्राहम लिंकन की मौत हो गई। दोस्तों ,अब्राहम लिंकन ने जितने बड़ी संघर्ष के बाद इतनी बड़ी सफलता हासिल की “Best Success Motivational Story in Hindi” उससे हमें यह सीख मिलती है की जिंदगी में अगर कुछ पाना है तो हमें कभी हार ना मानने वाली सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ना होगा।
Best Success Motivational Story in Hindi Conclusion – निष्कर्ष –
आज की “Best Success Motivational Story in Hindi | Abraham lincoln Biography in Hindi Language” ये कहानियाँ आपको केसा लगा ? दोस्तों, आपने जीबन में Success यानि सफलता पाने के लिए बचपन से ही एक सही लक्ष्य निर्णय करना पड़ेगा। और एहि लक्ष्य लेकर आगे बढ़ना पड़ेगा।
आपने सपने को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करना पड़ता हे। “Best Success Motivational Story in Hindi” जीबन में तो हर मोड़ पे समस्या रहती हे लेकिन जो बेक्ति उस समस्या से संघर्ष करके आगे बढ़ता हे उसीको सफलता हासिल होता हे।
जीबन में सफलता “Best Success Motivational Story in Hindi” पाने केलिए आज से ही अपने लक्ष्य पर चलने के लिए आगे बढिये और मेहनत कीजिये देखना सफलता की रास्ता आपने खुद ब खुद सामने दिखाई देगा।
Best Success Motivational Story in Hindi FAQ
Q. Abraham lincoln कौन थे और उन्होंने अमेरिका के लिए किया किया था?
A. Abraham lincoln अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति थे, जिन्होंने गुलामी को जर से मिटा दिया और देश की एकता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
Q. Abraham lincoln का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
A. Abraham lincoln का जन्म 12 फरवरी, 1809 को अमेरिका के केंटकी राज्य के एक गरीब परिवार में हुआ था।
Q. Abraham lincoln ने गुलामी को कैसे खत्म किया था ?
A. Abraham lincoln ने 1863 साल में (Emancipation Proclamation) जारी करके युद्धग्रस्त राज्यों में गुलामों को आज़ाद कर दिया था। और उसके बाद में 13वें संविधान संशोधन के माध्यम से अमेरिका में गुलामी पूरी तरह ख़तम कर दिया था।
Q. Abraham lincoln की मृत्यु कब और कैसे हुई?
A. Abraham lincoln की मृत्यु, 14 अप्रैल, 1865 को वॉशिंगटन डी.सी. के फोर्ड थिएटर में एक नाटक देखते समय अब्राहम लिंकन पर जॉन विल्क्स बूथ नाम के एक अभिनेता ने गोली चला दी, जिससे अगले दिन उनकी मृत्यु हो गई। यह अमेरिका के इतिहास का पहला राष्ट्रपति हत्याकांड था।
Q. अब्राहम लिंकन की जीवनी हिंदी में क्यों पढ़नी चाहिए?
A. अब्राहम लिंकन की जीवनी हिंदी में पढ़ने से न केवल इतिहास की जानकारी मिलती है, बल्कि उनके संघर्ष, ईमानदारी, न्याय के प्रति समर्पण और कठिनाइयों के बावजूद हार न मानने की मानसिकता से प्रेरणा मिलती है — खासकर छात्रों और युवाओं के लिए।