How to take the Right Decision in Life Gautam Buddha ki Kahaniya in Hindi | जीवन में सही निर्णय कैसे लें गौतम बुद्ध की कहानी

आज आपने जीबन में सही निर्णय नहीं ले पा रहेहो तो ये कहानी आपके लिए हे How to take the Right Decision in Life Gautam Buddha ki Kahaniya in Hindi | जीवन में सही निर्णय कैसे लें गौतम बुद्ध की कहानी। सही निर्णय लेना सबसे बड़ी चीज हे। बहुत ऐसा ब्यक्ति आपने जीबन में सही निर्णय नहीं ले पाता और दुसरो की मदत लेते हे।

“Gautam Buddha ki Kahaniya in Hindi” इस कहानी में ये बताते हे की, आप अपने जीबन में अगर सही निर्णय ले पातेहो तो आपकी जीबन सफल हो जाता हे और जो ब्यक्ति आपने जीबन में सही निर्णय नहीं ले पाते बह ब्यक्ति का जीबन ही बर्बाद हो जाता हे।

How to take the Right Decision in Life Gautam Buddha ki Kahaniya in Hindi

भगबान बुद्ध की बिचार, उनकी निति, उनकी नियम, उनकी बाते, उनकी हर “Gautam Buddha ki Kahaniya in Hindi” प्रेरणा दायक कहानी से हमें जीबन में बहुत कुछ सिखने को मिलता हे। क्यूंकि उनकी हर बात प्रेरणा दायक हे जो की आपको अच्छा बनाने में मजबूर कर देता हे।

भगबान बुद्ध कहते हे की, आप आपने जीबन में सही निर्णय लेना सबसे बड़ा महत्पूर्ण काम हे। क्यूंकि जो ब्यक्ति सही निर्णय लेता हे बह ही जीबन में सफल बन पाते हे। भगबान बुद्ध ये भी कहते हे की, जो ब्यक्ति की मन में अच्छा बिचार और अच्छा सोच हे बह ब्यक्ति सही निर्णय लेनेमें सक्षम हे।

अगर आप आपने जीबन में सही निर्णय नहीं ले पा रहेहो तो भगबान बुद्ध की ये कहानी की माध्यम से हम कोशिस करेंगे कि आप कैसे आपने जीबन में सही निर्णय लेंगे? और अगर भगबान बुद्ध की सारे बाते आपने जीबन में लागू करेंगे तो आप को इसका उत्तर मिल जायेगा।

जीवन में सही निर्णय कैसे लें गौतम बुद्ध की कहानी

जीबन में ज्यादा तर स्थितियां ऐसी आता हे जिनमे से हमारे पास दो बिकल्प होते हे पर समस्या की बात ये हे की हम समझ ही नहीं पाते हमें चुनना किया हे। किया हमारे लिए सही हे और किया हमारे लिए गलत हे।

उन दोनों ही बिकल्प में एक एक बिकल्प ऐसा होता हे जो हमारे जीबन को बना सकता हे और दूसरा बिकल्प ऐसा होता हे जो हमारे जीबन को बर्बाद कर सकता हे। एक छोटी सी कहानी गौतम बुद्ध की हे जो आपको बताये गी की सही निर्णय कैसे ले।

एकबार गौतम बुद्ध एक गांव में भगबान गौतम बुध्द लोगो को कुछ प्रवचन दे रहे थे। सभी गांव बाले उन्हें और उनकी प्रवचन प्रेम से सुनरहा था। ये उस समय की बात हे जब लोग बुध्द का बड़ा आदर सम्मान करते थे।

Gautam Buddha ki Kahaniya in Hindi
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पर ऐसा हमेशा से नहीं होता था। सुरुबात में जब बुद्ध किसी जाया करते थे तो बुद्ध का बिरोध करने बाले लोग ज्यादा होते थे। पर जैसे जैसे लोगोने बुद्ध की बाते सुनना सुरु किया लोगो की सोच और लोगो की बिचार धारा बदल ने लगे।

और बहुत लोग बुद्ध से जुड़ने लगे और उन्हें पसंद करने लगे। सभी गांव बाले बुद्ध की बात ध्यान से सुन रहे थे। उन गांव बाले लोगो में एक ब्यक्ति दूसरे गांव की थे जो बुद्ध की बाते सुन रहा था। 

भगबान बुद्ध की बात पूरा होने के बाद बह गांव बाले बहा से उठकर जाने लगता हे। और बह दूसे गांव की ब्यक्ति  दौर कर बुद्ध की सामने आता हे और बुद्ध को रोक लेता हे और बुद्ध से हाथ जोड़ कर बिनती करता हे की, हे बुद्ध कृपा करके एकबार हमारे गांव आये। बह ब्यक्ति एक किशन था।

उस किशन की बात सुनकर एक बुद्ध भिक्षुक बह किशन से कहेता हे, शमा करे पर हम कुछ दिन पहले ही तुम्हारे गांव गए थे। पर बह किशन नहीं मानता। बह बुद्ध की चरणों में लेट जाता हे और बुद्ध से बिनती करता हे की हे बुद्ध कृपा करके एक बार और हमारे गांव पधारे। 

बुद्ध उस किशन से कहते हे हम तो तुम्हारे गांव अबश्य आएंगे। तुम चिंता मत करो। बह किशन से ये कहेके बुद्ध और उनकी शिष्य बुद्ध भिक्षुक बहा से चले जाते हे। अगले दिन सुबह ही बुद्ध और उनकी कुछ भिक्षुक शिष्य उस गांव कवलिये प्रस्थान करते हे।

कुछ देर में ही बुद्ध और उनकी भिक्षुक बो गांव में पुहच जाते हे। बुद्ध को देखते ही सभी गांव बालो की भीड़ हो जाता हे। गांव की सभी लोग बुद्ध के पास आते हे और बुद्ध की सामने बेट जाते हे।

लोगो की नाम जो भी प्रश्न आता हे बह सभी गांव बाले भगबान बुद्ध से बह परसन करते हे। और बुद्ध उनकी सभी प्रश्न की उत्तर देती हे। गांव की सभी लोग बुद्ध की आ जाती हे लेकिन बह किशन बुद्ध के पास नहीं आता। 

बह किशन बुद्ध की पास इसलिए नहीं आ पा रहाहे क्यूंकि आज सुबह सुबह ही उसके दो बेल खो गए हे। जो बह किशन की रोजी रोटी की साधन तह थे जिससे बह आपने परिबार पलता था। 

बह किशन घर में चिंतित बैठा हुआ हे और बह किशन ये सोच रहा हे बह बेलो को ढूढ़ने जाये या फिर बुध्द की पास जाये। बह किशन पूरी तरह से दुबिधा में फास जाता हे। 

उसके पास दो बिकल्प होते हे पहला बिकल्प तो ये हे की बह बुद्ध की पास जाये और उनकी बाते सुने क्यूंकि बुद्ध को उन्हने ही आमंत्रित किया हे और दूसरा बिकल्प उसकी पास ये होता हे की आपने बेलो को ढूढ़ने जाये जिससे भी आपने परिबार पलता था।

बह किशन बहुत सोचने के बाद बह किशन एक बिकल्प चुनता हे। आपको किया लगता हे की उसे किया चुनना चाहिए? बह किशन चुनताहै की बह बेल ढूढ़ने जायेगा। और बह ये निर्णय लेने के बाद तुरंत जंगल में आपने बेल को ढूढ़ने केलिए निकल जाता हे। 

भगबान बुद्ध और उनकी सभी भिक्षुक बह किशन की इंतजार कर रहा था। जिसने बुद्ध को बुलाया हे। बहुत देर इंतजार करने की बाद बुद्ध और उनके भिक्षुक उस गांव से बपाश चले जाते हे। किशन बड़ी मेहनत की बाद बह दोनों बेल को ढूढ़ लता हे।

और बह किशन बहुत दुखी हो मजाता हे। उसे ख़ुशी तो होती हे क्यूंकि उसके बेल मिलगये और उसे दुःख इस बात की हे की उसने ही तो बुद्ध को उसके गांव में बुलाया था। और बह ही बुद्ध से नहीं मिलने गया। 

अगले दिन सुबह ही बह किशन बुद्ध को ढूढ़ते ढूढ़ते बुद्ध की पास पुहचता हे और उनकी चरणों में लेट जाता हे और बह किशन बहुत रोने लगता हे। बुद्ध उस किशन से कहते हे तुम रो क्यों रहे हो?

बह किशन बुद्ध से कहता हे, हे बुद्ध मेने ही तो आपको आपने गांव में बुलाया था। और में ही आपसे मिलने आ सका। बुद्ध में आपको बताना चाहता हु में आपसे मिलने क्यों नहीं आ सका।

Gautam Buddha ki Kahaniya in Hindi
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कल जब आप हमारे गांव में आये थे उससे कुछ समय पहले हमारा दोनों बेल जंगल में खो गए थे। और मेरे पास दो बिकल्प थे, पहला या तो में आपकी बाते सुनने आजऊ और दूसरा या तो में आपने बेल को ढूढ़ने चला जाऊ।

बेल नेरी रोजी रोटी हे इससे पल कर में अपनी परिबार की गुजरा करता हु। और बेल मुझे बापस नहीं मिलती थी तो हम और हमारे पूरा परिबार भूखा मर जाता इसलिए में दूसरा बिकल्प चुना और में आपने बेल को ढूढ़ने चला गया। 

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बह किशन भगबान बुद्ध को कहता हे, मुझे क्षमा करें बुद्ध, में आपको अपमान किया। बुद्ध किशन की बात सुनकर मुस्कुराते हे और उसे आपने गले से लगा लेते हे और उस ब्यक्ति से कहते हे अगर उस समय मुझसे पुह्चते की तुम्हे किया चुनना चाहिए?

तो तुम्हे में बही कहता जो तुम्हने किया हे क्यूंकि अगर तुम बेलो को ढूढ़ने की बजाय मेरा बात सुनने आ जाते तो तुम मेरा एक भी शब्द सुन नहीं पाते। क्यूंकि तुम आपने बेलो की ही बड़े में सोचते। 

पर अब तुम्हारी बेल मिल गए हे अब तुम मुझे आराम से सुन सकते हो। बुद्ध कहते हे, में बहुत खुश हु इस बात को जानकर तुमने कर्म को चुना हे। बुद्ध की बात सुनकर उस किशन की मन में से सरे बोझ उतर जाता हे और बह आराम से बुद्ध की बाते सुनता हे।

“महत्वपूर्ण काम को अति आवश्यक बननेसे पहले करे,

आपका जीबन बदल जायेगा”

ज़िंदगी में फैसले लेते वक्त इन बातों का ध्यान रखें

एक समय की बात हे, गौतम बुद्ध आपने शिष्य के साथ एक सफर पर जा रहे थे। सफर में चलते चलते बुद्ध को पियाश लगी, तो उन्हने आपने एक शिष्य से कहा मुझे बहुत तेज प्यास लगी हे मेरे लिए थोड़ा पानी लेकर आओ।

ये बात सुनकर बह शिष्य ने तुरंत पानी की तलाश में जाने लगा। इधर उधर देखा तो उसे कोई पानी का स्रोत नहीं दिखाई दी लेकिन कुछ देर और जाने पर एक पानी का स्रोत उसे दिखाई दिया। 

उसने देखा की उस पानी की स्रोत में कपड़े धो रहे हे और तभी एक बेल गाड़ी उस पानी की स्रोत में से गुजर गयी। ये में बहा का पूरा पानी गंधा हो गया और उसमे मिटटी भर गयी।

Gautam Buddha ki Kahaniya in Hindi
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फिर उसने सोचा इस गंदे पानी को में भगबान बुद्द्ध को कैसे दे सकता हु। तो बह बिना पानी लेते खली हाथ ही बपाश बुद्ध की पास चला गया और बुद्ध को ये साडी बात बताई।

बुद्ध ने कहा ठीक हे हम सब यह इस बड़े से पैर की छाया में बैठ कर थोड़ा आराम करते हे। कुछ समय की बाद गौतम बुद्ध ने उसी शिष्य से फिर से पानी लेन को कहा।

बह शिष्य बपाश पानी लेन उसी स्रोत के पास गया। और बहा जाकर उसने देखा की बो पानी बिलकुल साफ था और पिने केलिए सही था। अब बह शिष्य भगबान बुद्ध के लिए पानी लेकर गया और उसने बो पानी बुद्ध को पिलाया।

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भगबान बुद्ध ने सबको ये बात बताई की, जिस तहरा से पानी में कीचड़ मिटटी फेल गयी लेकिन उसे थोड़े समय तक छोड़ देने से पानी के अंदर सारि मिटटी निचे बैठ जाता हे और बह पानी बपाश से साफ हो गया। 

इस तरह हमारा मस्तिष्क भी हे, जब हमारा मस्तिष्क अशांत हो तब उसे बक्त देकर शांत करो हमारा मस्तिष्क भी थोड़े समय के बाद शांत जरूर होगा।

अशांत मस्तिष्क से कोई भी निर्णय नहीं लेना चाहिए। बस हमें करना ये हे की हमें अपने मस्तिष्क को थोड़ी देर तक शांत रखना हे जिससे की हम अच्छे फैसले यानि सही निर्णय ले सकते हे।

“हमेशा शांत रहने की कोशिश करो,

क्यूंकि शांत मस्तिष्क हमेशा सही निर्णय लेता हे”।

Conclusion – निष्कर्ष –

आज की हमारी ये कहानी How to take the Right Decision in Life Gautam Buddha ki Kahaniya in Hindi | जीवन में सही निर्णय कैसे लें गौतम बुद्ध की कहानी का उद्देश्य हे की जीबन में नेक सही निर्णय या सही फैसला आपकी जीबन को बदल सकती हे। 

इसलिए, जब भी आप कोई बड़ा कार्य करने केलिए कोई भी निर्णय ले उसे सोच समझ कर ही लेना। और फैसला लेते बक्त आपने मस्तिष्क शांत रखे। फैसला या निर्णय लेते बक्त एक बार नहीं आप हजार बार सोच समझ कर ही फैसला हे।

“Gautam Buddha ki Kahaniya in Hindi” क्यूंकि आपकी एक निर्णय आपकी जीबन ख़ुशी से भर सकता हे या तो आपकी पूरा जीबन दुःख से।

धन्यवाद॥

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