Romantic School Life Love Story in Hindi Part 1 | दिल को छूने वाली सूरज और शिबानी की सच्ची प्यार की कहानी

आज की “Romantic School Life Love Story in Hindi Part 1” दिल को छूने वाली सूरज और शिबानी की सच्ची प्यार की कहानी जो साल 2014 में Madhya Pradesh की इंदौर की एक स्कूल में शुरू हुयी थी।

सूरज को शिबानी को “Love at first sight” पहेली नजर में ही प्यार हो गया था। धीरे धीरे दोनों की अच्छी दोस्ती हुयी और दोस्ती प्यार में बदल गयी।

School Life Love Story in Hindi Part 1

“Romantic School Life Love Story in Hindi Part 1” दिल को छूने वाली सूरज और शिबानी की सच्ची प्यार की ये कहानी 2014 साल में शुरूहुयी इंदौर के रहने बाले सूरज और शिबानी की स्कूल जीबन की एक खूबसूरत प्यार की कहानी।

सूरज की घर तो इंदौर में ही था लेकिन शिबानी का असली घर दिल्ली में था और बह इंदौर में उनका नाना जी का घर में रहता था और बह आपने नाना जी का घर से पढ़ाई करता था।

लेकिन जब 12 बी का एग्जाम होने की बाद स्कूल ख़तम हो गया तब शिबानी बिना बताये आपने घर दिल्ली आगेया था। अब बह दोनों एक दूसरे से बिछड़ गया था।

किया बह दोनों फिर से मिल पायेगा? चलिए पढ़ते हे किया हुआ “Romantic School Life Love Story in Hindi Part 1” दिल को छूने वाली सूरज और शिबानी की सच्ची प्यार की कहानिओं में –

दिल को छूने वाली सूरज और शिबानी की सच्ची प्यार की कहानी

Romantic School Life Love Story in Hindi Part 1

Romantic School Life Love Story in Hindi Part 1
Romantic School Life Love Story in Hindi Part 1

School Inter में11th में Admission लिए मुझे दो हप्ता हो चुके थे। जब स्कूल खुले तब में स्कूल की पहला दिन में स्कूल जल्दी ही पहुंच गया था। तो यु ही स्कूल की दो माले की बेलकुनि से इधर उधर देख रहा था।

स्कूल सामने 5 नंबर बस आके रुकी, में उस बस को देखने लगा और उस बस से मेरा क्लास का भी कुछ लड़के आते थे। सरे स्टूडेंट बस से उतर चूका था। मेरा ध्यान बस पे ही टिका हुआ था।

फिर जो देखा उसे मुँह से बया किया नहीं जा सकता। एक हसीन खूबसूरत लड़की, पाता नहीं कौन, स्कूल ड्रेस (नीला सूट) पहने हुयी थी, बस से उतरा। में थोड़ा सबधाणी से बालकोनी की कोने से उसे देखने लगी।

बह लड़की स्कूल की गेट से बस कुछ दूर पे रुकी हुयी थी। और बह स्कूल की गेट की तरफ आ ही रही थी। बड़लिया छाई थी ठंडी हवाई चल रही थी मौसम बहुत ही सुहाना था।

में भी ठंडी हवाई के साथ उड़ रहा था। बह लड़की को पहेली नजर में देखने के बाद मेरा मन में फ़िल्मी कल्पनाए चलने लगा। बह स्कूल की अंदर आ चुकी थी। में जल्दी से निचे भागते हुए गया ये देखने केलिए की बह लड़की कोन सी क्लास में जा रहा हे।

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लेकिन में निचे जाते ही बह स्कूल की हेड ऑफिस में जा चुकी थी। प्रार्थना की घंटी बज चुकी थी लेकिन मुझे आज ऐसा लगरहा था की मेरी मन कोई और ही हे। दोस्तों ने कहा था की जो लड़की दूर से अच्छी लगती हे आखिर बेसी होता नहीं।

प्रार्थना ख़तम होने की बाद में आपने क्लास रूम में गया। में सबसे क्लास की लास्ट बेंच में बैठता था। क्लास में लड़किया की लाइन आणि शुरू हो गयी और जो देखा की में ख़ुशी से पागल हो गया था क्यूंकि बह लाइन में बह लड़की जो खड़ा था।

लम्बे खुले काली बाल, कजरारे काली आखे, गोरा रंग बाकई बहुत ही खूबसूरत लग रही थी बह। फिर बह बेंच में बैठी। हम जिस हिसाब से बेंच में बैठी थी हम में से ही सबसे ज्यादा दुरी थी।

Romantic School Life Love Story in Hindi Part 1
Romantic School Life Love Story in Hindi Part 1

बह पहेली लाइन की पहेली बेंच में बैठी थी और में तीसरी की आखरी बेंच में बैठी थी। में उठा और आगे की बेंच में जाकर बैठी। बह सर झुकाये बेग से कुछ निकल रही थी।

बह सही में बहुत ही खूबसूरत था ….सच में बहुत ही खूबसूरत।

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क्लास टीचर आ चुकी थी। उसला नाम पता चने ही बाला था फिर भी में उसका नाम गैस कर रही थी ….प्रिया? हम्म, नहीं  …. रिया?  …. हो सकता हे …. या फिर चुपकली …. भक इतना फर्जी नाम हा हा हा हा हा।

इन्ही कल्पनाओँ में खोया था, तबतक टीचर ने अटेंडेंट्स लेना शुरू कर दिया था। शिबानी …. प्रेजेंट सर …. ओह, शिबानी, हैं यही नाम था उसका और बहुत ही मीठी आवाज था उसका।

मेरे दिमाग में सिर्फ उसीका मन था और मेरा मन सिर्फ एहि कहता था की “शिबानी तुम इसिर्फ मेरी हो सिर्फ मेरी।” धीरे धीरे दिन बीतता गया। क्लास रूम में उसकी हर एक हरकत में मेरा नजर था।

बह किया कर रहा हे कहा जा रहा हे उसे कोई लड़का देख रहा हे की नहीं। इतना दिनों में उसका नेचर में बहुत खूब जान चूका था। बिलकुल शांत, शीतल स्वभाब की, ये रंगीन दुनिया से बिल्कुल अनजान, सकारत्मक बिचारो बाली, ना मोबाइल का शोक ना इंटरनेट की आदत।

11th की बार्षिक परीक्षा ख़तम हुई। 5 सक्सेन के 850 स्टूडेंटों में से टॉप 20 में से मेरा सेक्सन के मुझे लेकर कुल मिलाके 3 लड़के थे। जिसमे मेरा 10 बा और दुसरो को 13 बा और तीसरा को 16 बा स्थान प्राप्त हुआ।

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टीचर ने हम सब से बहुत ही खुश था और क्लास की अंदर टीचर ने हम तीनो केलिए तालिया भी बजाई। बाकि सब स्टूडेंट ये सब में बेस्त थे और में सिर्फ उसीको निहार रही थी। 

सब स्टूडेंट मेरी और देखकर तालिया बजा रहे थे और इसी बिच शिबानी से मेरी नजरे टकरा गयी तब मेरा दिल बहुत ही जोर से धड़क रहा था। मुझे लग रहा था की बह भी मुझसे थोड़ा थोड़ा नोटिस कर रहा था। 

में उसे प्यार की इजहार करना चाहता था। मुझे मेरे दोस्तो से पता चला की उसे लिखने की बहुत सोख था और बह स्कूल की बार्षिक पत्रिका में कबिता लिखकर देनी बाली हे। 

तो बस मेने भी अपनी एक गुणवत्ता बाला कबिता अच्छी खासी फोटो के साथ पत्रिका केलिए दे दिया। एक महीना बाद पत्रिका छाप कर सबको हाथ में आ गयी थी। 

जैसे ही मुझे बह पत्रिका मिला में तुरंत देर न करके शिबानी की कबिता की पन्ना खोज ने लगा। ऊपर उसकी हलकी सी धुंदली सी तस्बीर निचे नाम शिबानी क्लास 12 A2 । 

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उसका कबिता पड़रही थी, बारिश पे लिखी गयी एक कबिता थी, थोड़ा बच्चो बाली टाइप की थी पर में बार बार उसीका ही कबिता पड़ता रहता। हमारे क्लास में अच्छे लेखो और कबिताओ की तारीफ हो रही थी। मेरे भी। 

शिबानी बही पत्रिका खोली बैठी थी और में उसीके तरफ देख रहा था। तभी बह भी मेरे तरफ देखा, मुझे समझनेमें देर ना लगी की बो इस बक्त मेरी ही कबिता पड़ रही थी। 

बह मेरे तरफ देखके मुस्कुराई में भी मुस्कुराई, उसने कहा अच्छे लिखते हो सूरज बहुत ही अच्छा। मेने उसे थैंक्स कहा। उस बक्त मेरे दिल में गिटार बज रहा था। मेने कहा शिबानी तुम्हारी कबिता भी लाजबाब था। 

शिबानी मुझे थैंक्स कहते हुए कहा, तुम्हारी ज्यादा अच्छी हे। मेने कहा अच्छा – सही में? मुझे तो नहीं लगता की मेरा कबिता अच्छा हे। उसने भी मेरी बात दोहराई दी -अच्छा ? मुझे भी नहीं लगता। 

हम दोनों थोड़ी देर तक चुप रहे फिर एक साथ हसने लगी। मेरी हंसी तो सियार जैसी थी लेकिन उसकी हंसी तो इतना सुरेली थी की मेरा दिल में घंटी बजने बाली थी और बिन बदल बरसात और बिन घटा मोर नाचने लगे। 

यूँ ही हम लगभग 10 मिनिट तक बात करते रहे। जब स्कूल की छुट्टी हुयी तब में गेट की बाहर बस के पास साईकिल निकल कर खड़ा था सिर्फ उसे देखने केलए। बो आये बस में बैठी और चली गयी। 

आज ऐसा लगरहा था की मेरा दिल उछाल उछाल के धड़क रहा था, तेज धुप भी बर्फीले ठण्ड का एहसास दिला रहा था। हमारे बोर्ड एग्जाम को और बस 1 ही महीना बाकि थे। 

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स्कूल बंद होने बाला था। सईद हमारी मुलाकात अब 2 महीनो के बाद ही होने बाला था। घर जाते की बक्त हम दोनों मिले, मेने आने बाले एग्जाम केलिए उसे Best Of Luck कहा और उसने भी मुझे कहा Best Of Luck Suraj । 

बह मुस्कुराई Bye बोला और बस में बैठ गयी। में बस की बगल में ही खड़ा था और बह मुझे बस की खिड़की से देख रही थी। सईद उसे भी एहसास हो गया था की में उसे प्यार करता हु। 

Romantic School Life Love Story in Hindi Part 1
Romantic School Life Love Story in Hindi Part 1

आज में बहुत ही उदास था और सईद बह भी। बह जा रहा था और में सिर्फ उसे ही देख रहा था। किताबों और उसकी यादों की कश्मकश के बिच स्कूल की बोर्ड एग्जाम ख़तम हुआ। 

सभी पेपर बहुत ही अच्छे हुए थे ,में बहुत ही खुश था। 1 हप्ते बाद स्कूल जाना था। में बहुत ही बेचैन था, मुझे नींद नहीं आ रहा था और भूख भी कम लग रहा था। आखिर बह दिन आ ही गया। 

सुबह 11 बजे की टाइम था, सभी स्कूल की दोस्त बिदा होने बाला था इसलिए मेरा मन भी बहुत दुखी था। बहुत दोस्तो से मुलाकात हुयी। बस की आने की टाइम हो रहा था, दिल की धड़कन बढ़ने लगी। 

में कभी कभी ये सोच के घबरा रहा था की “शिबानी आएगा भी या नहीं” 

किया शिबानी स्कूल में आएगा?, किया सूरज और शिबानी एक दूसरे से मिल पायेगा? किया सूरज शिबानी को Propose कर पायेगा? अगर सूरज Propose कर भी दिया तो शिबानी सूरज की Propose Accept करेगा? बहुत सारा सवाल बाकि हे।

सारे सवालो का जबाब जानने केलिया निचे दिए हुए लिंक पर क्लिक कीजे 👇👇

उसके बाद की कहानी पड़े : 👉👉 Romantic School Life Love Story in Hindi Part 2 | दिल को छूने वाली सूरज और शिबानी की सच्ची प्यार की कहानी

Conclusion – निष्कर्ष –

आज की “Romantic School Life Love Story in Hindi Part 1 | दिल को छूने वाली सूरज और शिबानी की सच्ची प्यार की कहानी” तो दोस्तो, आप को ये कहानी केसा लगा अगर ये प्यार की कहानी पढ़कर आपने प्यार की याद आ गयी तो हमें कमेंट में जरूर बताये।

 ॥धन्यवाद॥

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