आज की “Romantic School Life Love Story in Hindi Part 2” दिल को छूने वाली सूरज और शिबानी की सच्ची प्यार की कहानी का दूसरा और आखरी भाग हे।
“Romantic School Life Love Story in Hindi Part 1” दिल को छूने वाली सूरज और शिबानी की सच्ची प्यार की कहानी में आपने पड़ा हे की सूरज आपने दिल की बात अभी तक शिबानी को नहीं बता पाया।
Romantic School Life Love Story in Hindi
“Romantic School Life Love Story in Hindi Part 2 ” में किया सूरज सिबानी को आपने दिल की बात बोल पायेगा? अगर सूरज आपने दिल की बात शिबानी को कहे भी देता हे तो किया शिबानी उसे स्बीकार करेगा?
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ऐसा बहुत सारे सवालो की जबाब मिलाना अभी भी बाकि हे जो हम “Romantic School Life Love Story in Hindi Part 2 ” में जानेंगे। तो चलिए दोस्तो जानते हे सूरज और शिबानी की दूसरा और सेक्स भाग –
दिल को छूने वाली सूरज और शिबानी की सच्ची प्यार की कहानी
Romantic School Life Love Story in Hindi Part 2
में उसका इंतजार कर हि रहा था की, कुछ दूर में बस दिखी, हाँ बो 5 नंबर बस थी। मेरा नजर उस बस पे ही टिकी हुयी थी की बह बस से कब बो निकलेगा? हाँ बह बस में से निकला।
उसकी नजरे ऊपर उठी और उसने मुझे देखा। तब मुझे जी कर रहा था की उसे में आपने बाहोंमे भरके गले लगा लू। मेरा दिल जोरो से धड़क रहा था। उसने मुझे पूछा सूरज एग्जाम कैसे बिता?
मैने कहा एग्जाम….. “एकदम ख़राब” ….. उसने मेरी कंधे पर हाथ ठोकते हुए कहा, “चल झूठा ….. तुम्हारा और ख़राब।” शिबानी ने कहा -आज बड़े स्मार्ट लग रहे हो। मैने भी कहा “तुम भी बहुत खूबसूरत लग रहेहो …..हमेशा की तरह।” और हम एक साथ हंस पड़े।
में आज घर से ही निर्णय करके आया की, आज में किसी भी तरह दिल की बात शिबानी को बोलकर ही रहूँगा। लेकिन बक्त जा रहा था में बोल नहीं पा रहा था। उसकी भी हालत मेरी जैसी ही थी।
मुझे भी उसे देखकर एहसास होता हे की, सईद बह भी मुझे कुछ कहना चाहता हे ….., सईद बही जो में….. । उसी बक्त अनाउंस किया गया की जिसे बस में जाना हे बह जल्दी से बस में बैठ जाये।
ये अनाउंस सुनतेही मुझे लगा की मेरा दिल बाहार निकल जायेगा। मेरी पैर कप रहा था, ऐसा लगरहा था की दिल की बात दिल में ही रहे जायेंगे क्यूंकि बह बस से जाने बाली थी।
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मेने शिबानी से कहा, जाने दोना बस को में तुम्हे बाइक पे छोड़ आउंगी। शिबानी ने कहा, मुझे कोई भी दिक्कत नहीं लेकिन कोई और देख लेगा तो किया सोचेगा मेरे बारेमे।
पता नहीं में क्यों उसकी बात को काट नहीं पाया। बस में बैठने केलिए फिर से एकबार अनाउंस किया गया। शिबानी ने कहा अब मुझे चलना होगा नहीं तो बस छूट जायेगा।
ये कहते हुए बह बस में चढ़ने बाला था …..उसकी आँखे नम थी ….. और में मन ही मन में रो रहा था मेरा दिल फाटे जा रहे थे और सोचा की काश आपने हाथो से उसकी आशु पोछ दू पर उसे आपने बाहोंमे लपेट लू।
बो जाने लगा था, मेरा दिल बेचैन था, मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था। ऐसा लगरहा था की मेरा धड़कन रुक सा गया। बो स्कूल की गेट पर पहुंच चुकी थी, मुझसे और रहा नहीं गया,
मेने आवाज दी …..”शिबानी रोको थोड़ा” ये सुनतेही शिबानी ने आपने पैर बपाश खींच लिया। में जल्दी में लड़खड़ारते हुए उसके पास गया। अब निस्चय कर लिया था , इसबार उसे में दिल की बात बोलकर रहूँगा।
बह गेट के पास खड़ी तो में उसके पास पहुंचा, करीब …..बिलकुल करीब, मेरा पूरा शरीर कप रहा था। तो में एक झटके में बोल दिया “शिबानी में तुमसे बहुत प्यार करता हु।”
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मेरी नजरे झुकी हुयी थी उसका जबाब का इंतजार कर रहा था, आखिर कार उसका जबाब आया …..” में भी “
में उसके नजरो से नजरे मिलाई और कहा पूरा बोलो ना …..तब शिबानी ने कहा …..“में भी तुमसे बहुत प्यार करता हु सूरज”
ये सुनते ही मुझे ऐसा प्रतीत हुआ हे की मनो में हवा में उड़ रहा हु। जी कर रहा था की उसे कसके गले लगा लू लेकिन बहा बहुत सारे स्टूडेंट आ जा रहा था इसलिए कर ना सका।
कुछ भी हो हम दोनों बहुत ही खुश थे। आँखो की आशु पोछते हुए बो बस में बैठने केलिए जाने लगी। किया ये दो दिलो का मिलन था? ये केसा दो दिलों का मिलन …..जब एक दूसरे से मिलने की सम्भाबनाई धुंदली थी। लेकिन फिर भी हम संतुस्ट थे।
बह बस में बैठी खिड़की से मुझे निहार रही थी। में चुप चाप खड़ा सिर्फ उसे ही देख रहा था। बस को स्टार्ट होते ही मेरी आँखोमे आशु आ गया। बस चल पड़ी तो उसने कहा …..ना फ़ोन नंबर लिया ना एड्रेस?
ये सुनते ही फिर से में सुन पड़ गया। तब तक बस जा चुकी थी। उसके जाते बक्त तो में सिर्फ उसे ही निहार रहा था और इन सब चीजों का तो ध्यान ही नहीं था और सईद उसके साथ भी एहि हुआ था।
इसी बिच फिर एक उम्मीद की किरण जगी …..रिजल्ट …..हाँ शिबानी अपना रिजल्ट लेने स्कूल में जरूर आएगी। उसका दोस्त ने कहा, बेबकुफ़ आशिक उस दिन जरूर मांग लेना।
उस दिन स्कूल में रिजल्ट लेने थोड़ा देर में पहुंचा। 91% मार्क्स थे। में Sign करने लगा और रजिस्टर में देखा की शिबानी की नाम के आगे टिक ✔️ लगा हे और किसीका सिग्नेचर हे।
एक समय केलिए लगा की मेरा दिल की धड़कन रुक गया। में तुरंत सर से पूछा सर, शिबानी आये थे रिजल्ट लेने केलिए? सर ने कहा नहीं, शिबानी की नाना जी आये थे और बह उसके नाना जी के यहाँ रहते थी लेकिन शिबानी का घर दिल्ली में हे और बह आपने घर दिल्ली चला गया हे।
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ये सुनते ही मेरे पेरो तले जमीन खिसक गया। शिद्दत भरी मोहब्बत धुंदली होता दिख रहा था। उसे दुबारा मिलने की सारि सम्भाबनाये ख़तम होते जा रही थी। मुझे बेचैनी ने घेर लिया था।
ऐसा लग रहाथा की मुझे ऑक्ससीजन की कमी महसूस हो रही हे, सही से में सास नहीं ले पा रहा था। सब कुछ बर्बाद सा प्रतीत हो रहा था उसी बक्त शिबानी की एक सहेली मेरे पास आया और मुझे एक लेटर देके कहा,
सूरज मुझे शिबानी ने आपने नानाजी के घर में बुलाके ये लेटर दिया और कहा की ये लेटर सूरज तक पहुंचा देना। सूरज को ये लेटर मिलने के बाद ऐसा लगा की उसकी दिल में जान आ गयी हे।
सूरज को जैसे ही शिबानी की लेटर मिला बह तुरंत लेटर को खोल कर देखा की, उसमे लिखा हे की, सूरज में तुमको जब पहेली बार देखा था तब से ही में तुम्हे अपना दिल देकर बैठा। में तुम्हे बहुत प्यार करता हु।
और तुम बिलकुल चिंता मत करो। मुझे मेरे पापा लेने आये हे। में आपने घर दिल्ली जा रहा हु बहा से में अपनी आगे की पढ़ाई करूँगा। मेरे पापा मेरे लिए दिल्ली कॉलेज में डॉक्टर की पढ़ाई के लिए एड्मिसन करबा रहा हे।
में तुम्हारे लिए इंतजार करूँगा। मेरा घर ली लैंडलाइन फ़ोन नंबर और पाता निचे दिया हु। मुझे अगले रविबार शाम 8 बजे इस नंबर पे फ़ोन कर लेना। ये लेटर पड़ने की बाद सूरज बहुत ही खुश हुआ।
और जैसे ही रविबार आया सूरज ने आपने फ़ोन से ठीक साम 8 बजे शिबानी को फ़ोन किया। और शिबानी भी सूरज की फ़ोन का इंतजार कर रहा था। शिबानी ने फ़ोन उठाया और कहा,
सूरज तुम कैसे हो? नाराज हो मुझपे? क्यूंकि में तुम्हे बिना बताये यहाँ आ गया। सूरज ने कहा नाराज नहीं था लेकिन बहुत दुःख हुआ था तुमको खोने खा लेकिन जब तुम्हारा लेटर मिला तब में बहुत खुस था।
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दोनों में बहुत बातचीत हुआ और फ़ोन रखने से पहले शिबानी ने कहा, सूरज में तुम्हारे लिए जिंदगी भर इंतजार करूँगा और तुम्ह अच्छे से पढ़ाई करना उसके बाद एक अच्छा नकरी मिलने के बाद हम दोनों शादी कर लेंगे।
सूरज ने कहा हाँ शिबानी में भी तुम्हारे लिए इंतजार करूँगा और में यहाँ Engineering College में Admission के लिए From भरा हु। शिबानी ने कहा ठीक हे में अभी फ़ोन रखता हु, और हर रविबार को ठीक इसी समय मुझे फ़ोन करना I Miss You, Suraj ।
सूरज ने भी कहा I Miss You To, Shivani । ये कहते हुए दोनों ने फ़ोन रख दिया। और उन दोनों की हर हपते में बात होती थी। देखते देखते 4 साल बीत गया।
शिबानी ने अच्छे मार्क्स के साथ डॉक्टर का पढ़ाई ख़तम की और सूरज भी अच्छे मार्क्स के साथ Engineering का पढ़ाई ख़तम की। और अगले साल ही सूरज को एक अच्छी Multinational Company में एक अच्छा पोस्ट में जॉब लग गयी।
और इत्तेफाक से उसकी पोस्टिंग दिल्ली शहर में हुयी। ये खबर जब सूरज ने शिबानी को बताई तो शिबानी ख़ुशी के मरे झूम उठी। और बह दोनों एकदिन मिलने का प्लान बनाया।
आखिर बह दोनों 5 साल बाद मिलने बाले थे। सूरज ने शिबानी को फ़ोन करके एक अच्छा रेस्टुरेंट में बुलाया। बो दोनों बहुत ही खुश थे। आखिर बह दोनों की मुलाकात हो ही गया।
दोनों जब मिले तब बह दोनों एक दूसरे के साथ बहुत बात की और खाना खाया। शिबानी ने कहा सूरज अब हमें शादी करना चाहिए। सूरज ने कहा हाँ ठीक हे, तुम आपने घर बालो से बात करलो?
शिबानी ने कहा सूरज तुम अगला रबिबार मेरे घर में आ सकते हो? सूरज ने कहा ठीक हे में आ जाउंगी। ये कहते हुए बह दोनों आपने आपने घर चला गया।
रबिबार को सुबह सूरज ने शिबानी के घर पहुंचा और शिबानी की पापा से बात की। सूरज अच्छा नकरी करता हे इसलिए शिबानी की पिताजी उन दोंनो की शादी केलिए हाँ कर दी।
सूरज ने भी आपने घर में फ़ोन करके आपने मामी-पापा को दिल्ली बुला लिया। और एक सुभ दिन देखकर दोनों परिबार ने सूरज और शिबानी की शादी करबा दिया। दोनों परिबार और दोनों प्रेमी बहुत ही खुश थे।
आखिर कार दोनों की प्यार सफल हुए।
“सच्चा दिल से प्यार हमेशा सफल होता हे।”
Conclusion – निष्कर्ष –
आज की “Romantic School Life Love Story in Hindi Part 2 | दिल को छूने वाली सूरज और शिबानी की सच्ची प्यार की कहानी” तो दोस्तो, आप को ये कहानी केसा लगा अगर ये प्यार की कहानी पढ़कर आपने प्यार की याद आ गयी तो हमें कमेंट में जरूर बताये।
ये “Romantic School Life Love Story in Hindi Part 2 | दिल को छूने वाली सूरज और शिबानी की सच्ची प्यार की कहानी” पोस्ट की उद्देश्य हे की, प्यार करो तो ऐसा। एक सच्चा प्यार जो एक दूसरे केलिए इंतजार करे।
॥धन्यवाद॥
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