Top 2 Best Bedtime Stories in Hindi with Moral | बच्चे बेड पर सोने से पहले की सबसे सुन्दर नैतिक कहानियाँ

आज में आपको “Top 2 Best Bedtime Stories in Hindi with Moral” बच्चे बेड पर सोने से पहले की सबसे सुन्दर नैतिक कहानियाँ के बारे में बताऊंगा जो बच्चे लोग सोने से पेहेले पढ़कर थोड़ा आनंद ले सके। 

Top 2 Best Bedtime Stories in Hindi with Moral

“Top 2 Best Bedtime Stories in Hindi with Moral” ये दोनों कहानियाँ बहुत ही रोचक और मजेदार हे। बच्चे नैतिक कहानी सुनना और पड़ना बहुत ही पसंद करता हे। जब ऐसा कोई कहानी जनबरो और पक्षिओ से जुड़ा हो तब और भी उनको पड़ने में आनदं और मजा आता हे। 

नीला रंग की लोमड़ी

Top 2 Best Bedtime Stories in Hindi with Moral | बच्चे बेड पर सोने से पहले की सबसे सुन्दर नैतिक कहानियाँ
Bedtime Stories in Hindi with Moral

बहुत पहेली की बात हे, एक बहुत बड़ा जंगल में एक लोमड़ी था। बाकि जानबरों के साथ लोमड़ी बहुत ही मजे में रहता था। लेकिन लोमड़ी बहुत चालक और बुद्धिमान था।

एकदिन सुबह सुबह लोमड़ी घूमने केलिए जंगल से दूर एक नदी की किनारे में आकर पहुंचा। नदी की किनारे तजा तजा मछलिया देख कर लोमड़ी को रहा नहीं गया।

और मछलिया खाने केलिए नदी में कूद पड़ा। उधर गांव की कुछ कुत्ता का नजर उस लोमड़ी पड़ पड़ा। लोमड़ी को देखतेही सभी कुत्ता ने भोखने लगा। लोमड़ी कुत्ता की झुंड देखकर भागने लगा।

कुत्ता का झुण्ड भी लोमड़ी की पीछे पीछे भागना शुरू कर दिया। लोमड़ी आपने जान बचाते हुए गांव की तरफ आ गए। लोमड़ी छुपने की जगा ढूंढ़ते ढूंढ़ते एक धोबी की घर की तरफ आया और एक बड़ा बकेट में छुप गया।

मजे बात ये था की उस बकेट में कपड़े में देने केलिए नीला रंग की पानी थे और लोमड़ी उसी पानी की अंदर छुप गए। इधर कुत्ता की झुंग लोमड़ी को बहुत ढूंढा लेकिन लोमड़ी नहीं मिलने की कारन कुत्ता की झंड निराश होकर बपाश बहा से चला गया।

जब साम की बक्त हुआ तब लोमड़ी उस नीली रंग पानी की बकेट से बाहार आया। लोमड़ी का पूरा शरीर नीला रंग की पानी में भीगा हुआ था। लोमड़ी भी देखकर हैरान हो गया की उसका शरीर का रंग नीला कैसे हो गया।

लोमड़ी बहा देर ना करके बहा से आपने जंगल की तरफ रबना दिया। रास्ते में जाते जाते बहुत ही रात हो चूका था। लोमड़ी ने सोचा जंगल तो अब थोड़ी दूर में ही हे आज की रात में इस खेत में ही गुजरा कर देता हु और सुबह जंगल में आपने घर में चला जाएंगे।

जब सुबह हुआ तब लोमड़ी ने धीरे धीरे जंगल की तरफ गया। लोमड़ी को देखकर जंगल की सारे जानबरों ने हैरान हो गया। सभी जानबरों ने लोमड़ी की गोर से  देखकर आपसमे बात करने लगे।

और कहने लगे ये कोनसा जानबर इस जंगल में आकर पहुंचा। ऐसा जानबर पेहेले तो कभी भी नहीं देखा। लोमड़ी भी सोचने लगे की जंगल की कोई भी जानबर हमें पहचान नहीं पा रहा हे।

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अगले दिन सुबह जंगल की सभी जानबरो ने लोमड़ी के पास आया और कहा प्रभु आप कौन हे और कहा से आया हे? ये सुनकर लोमड़ी ने गंभीर ता से बताया में स्वर्ग से आया हु।

भगबान ब्रम्हा में सवांग मुझे भेजा हे यहाँ और कहा हे जा डमरू धरती पर कोई जंगल में जानबरो का अच्छा राजा नहीं हे तू जा और सभी जांबरो को अच्छी से देखभाल कर।

इसलिए में इस जंगल में आया हु आप सभी का राजा बनकर। ये बात सुनतेही जंगल की सारे जनबरो ने डमरू को राजा की रूप से मानने लगा और भगबान की तरह पूजा करने लगा।

लोमड़ी को ये देखकर मन ही मन में बहुत ही मजा आरहा था। और लोमड़ी बहुत खुस था। सभी जनबरो ने मिलकर डमरू राजा के लिए एक अच्छा सा रहना का घर बना दिया।

और सभी जनबरो ने कहा महाराज आपको खाने पिने का कोई भी चिंता करने की कोई भी जरुरत नहीं हे। आपको जो भी पसंद हे हमको बताना हम सभी मिलकर आपकी सेबा करेंगे।

नीला रंग की लोमड़ी | Top 2 Best Bedtime Stories in Hindi with Moral
Bedtime Stories in Hindi with Moral

डमरू महाराज ने कहा ठीक हे मुझे जो पसंद हे में आप सभी को बताऊंगा अभी सब आपने आपने घर में जाओ मुझे थोड़ा आराम करना हे। ये सुनकर सभी जनबरो ने आपने आपने घर बपाश लोट आये।

डमरू की ख़ुशी की सीमा नहीं हे क्यूंकि उसे घर में बैठे बैठे सब कुछ मिल रहा हे और ऊपर सभी ने उसे जंगल की राजा मानके आदर सम्मान करने लगे थे। डमरू ने सोचा अब मुझे और कोई भी चिंता नहीं हे। अब में बाकि जीबन आराम से गुजर सकता हु।

नया महाराजा को पा कर जंगल की सभी जानबर बहुत ही खुस हुए और सभी मिलकर फैसला किया की इस खुसी में अगला दिन महाभोज का आयोजन किया जाये।

हाथी ने कहा ठीक हे रात में सभी जनबरो को बुलाकर महाराजा की घर में चले और एक बैठक किया जाये ताकि काल की आयोजन की बारे में सही तरीको से फैसला किया जाये।

रात की समय में सभी जनबरो ने डमरू महाराजा के पास जाकर पहुंचा और एक बैठक बैठा। सभी ने आपने आपने राय दी और इसी समय थोड़ा दूर की एक जंगल में कुछ लोमड़ी ने हुक्का हुआ हुक्का हुआ कहकर पुकार ने लगा।

डमरू ने लोमड़ी की पुकार सुनकर आपने आपको रोक लिया। फिर कुछ देर ही बाद फिर से जंगल में कुछ लोमड़ी ने हुक्का हुआ हुक्का हुआ कहकर पुकार ने लगा।

लेकिन इस बार डमरू से रहा नहीं गया आपने जात बालो की पुकार सुनकर बह भी हुक्का हुआ हुक्का हुआ कहकर पुकार ने लगा। भरी बैठक में डमरू की असलियत के बारे में सभी को पता चल गया।

और सभी जनबरो ने कहने लगा इतना बड़ा धोखा दिया लोमड़ी ने हम सभी को, इस चालक लोमड़ी को सभी ने मिलकर मारो। ये कहते हुए सभी जनबरो ने मिलकर लोमड़ी को मार डाला।

नैतिक शिक्षा: “जो ज्यादा चालक होता हे उसका परिणाम बहुत भयानक होता हे।”

बगुला और केकड़ा की कहानी

Bedtime Stories in Hindi with Moral |बगुला और केकड़ा की कहानी  
Bedtime Stories in Hindi with Moral

बहुत साल पहेली की बात हे। एक बड़ा सा जंगल के बीचो बिच एक बड़ा सा तालाब था और उस तालाब बहुत पानी था जो दो साल भी अगर बारिश ना हो तब भी बह तालाब सूखा पड़ने बाला नहीं हे।

उस तालाब में बहुत साड़ी मछलिया, केकड़ा, मेंढक रहता थे और बह सभी बहुत ही ख़ुशी के साथ बह तालाब में रहता था। तालाब की किनारे बगुला मच्छी खाने केलिए एक पैर में खड़ा रहता था।

सुबह से साम तक बहुत सारे बगुला उस तालाब में मच्छी खाने केलिए आता था। उसी बगुला में से एक बगुला था जो बुड़ा हो चूका था। उसे मच्छी पकड़ने की भी ताकत नहीं था।

तो उस बुड़ा बगुला ने एक तरकीब निकला, और उसका सामने से एक केकड़ा आते हुए देखा। केकड़ा को देखकर जोर जोर से रोने पड़ा। बगुला को रट हुए देखकर केकड़ा ने किया हुआ बगुला मामा आप रो क्यों रहेहो?

बगुला ने कहा किया कहु भांजा में यहाँ पे बड़ा हुआ हु और यहाँपे ही मरूंगा, केकड़ा ने कहा ओ अच्छा आप इसलिए रो रहे हो। बुड़ा बगुला ने कहा नहीं भांजा में इसलिए नहीं रो रहा हु। 

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मुझे इस मछलिओं के बारेमे सोचते हुए बड़ा दुःख हो रहा हे। में अभी अभी गांव की पंडितो से सुनकर आया की इस साल से लेकर अगले तेरा सालो तक बारिश नहीं होंगे, सूखा पड़ेगा। 

और इस तालाब में इतना पानी हे सब सुख जायेगा ,मिटटी में चिर पड़ने लगेगा तब ये मछलिओं का किया होगा बिना पानी का ये सभी मछलिओं मर जायेंगे। ये बात सुनकर केकड़े की मुँह सूखा पड़ गया।

और केकड़े ने तालाब में आकर सभी मछलिओं को ये बात बताया। सभी मछलिओं ने ये बात सुनकर बहुत ही उदाश हो गया। और सभी ने बुड़ा बगुला के पास जाकर इसकी हल पूछा।

तब बगुला ने कहा, अगर आप लोग मुझे बिस्वास करते हो तो मुझे इस समस्या का समाधान पता हे। सभी ने कहा मुझे आप पर पूरा बिस्वास हे बगुला मामा। आप बताएं?

बगुला ने कहा उस पहाड़ की पीछे एक बड़ा सा तालाब हे जो पानी से भरा पड़ा हे और उस तालाब की पानी 20 सालो तक भी नहीं सूखेगी। अगर आप सभी चाहो तो आप सभी का मदत कर सकता हु। 

सभी में कहा, हाँ हम सभी राजी हे। बगुला ने कहा हम एक एक करके सबको उस तालाब में पहुंचा दूंगा।  सुनतेही सभी माछीओ ने उस तालाब में जाने केलिए बुड़ा बगुला मामा पास आकर खड़ा हो गया। 

बगुला ने सभी को एक एक करके उस पहाड़ की पीछे लेकर चला गया। एकदिन केकड़े ने कहा बगुला मामा आप सभी माछीओ को लेकर जा रहेहो आर हमने ये बात पेहेले सुना और हमको नहीं लेकर जा रहे हो। 

बगुला ने कहा ठीक हे अब तो इस तालाब की सभी मछलिया उस तालाब में चला गया। आज में तुमको लेकर जाऊंगा। केकड़ा ये बात सुनकर बहुत ही खुश हुआ। 

बगुला ने कहा भांजा तुम मेरी पीठ पर उठ जाओ में तुमको उस तालाब में छोड़ कर आया हु। केकड़ा ने बगुला की पीठ पड़ चढ़ा और बगुला केकड़े को उड़ते हुए उस पहाड़ की तरफ लेकर चला गया। 

केकड़े ने देखा की पहाड़ की चट्टान पर बहुत साड़ी मछलिओं की कांटा पड़ा हे। ये देखकर केकड़े की मन में बहुत साड़ी सवाल उठने लगा और साथ ही साथ डर भी होने लगा। 

केकड़े ने कहा मामा और कितना दूर जाना पड़ेगा यहाँ तो दूर दूर कोई भी तालाब नहीं हे? और ये पहाड़ की चट्टानों पर इतना मछलिओं का कांटा पड़ा हे? मामा आखिर बात किया हे?

बगुला ने कहा, भांजा मेरा पेट में ही बहुत बड़ा तालाब हे और सारे मछलिया इसी तालाब की अंदर हे अब तुम भी इसी तालाब में जाओगी। केकड़ा ने सोचा बचने की तो कोई भी उपाय नहीं हे। 

लेकिन एकबार आखरी कोसिस करके देखता हु, केकड़े ने ये सोचते हुए उसका बड़ा बड़ा नोकीला पेड़ो से बगुला की गर्दन को पकड़ कर मार डाला। 

नैतिक शिक्षा: “ज्यादा लालच करना अच्छी नहीं हे।”

Conclusion – निष्कर्ष –

आज की “Top 2 Best Bedtime Stories in Hindi with Moral | बच्चे बेड पर सोने से पहले की सबसे सुन्दर नैतिक कहानियाँ” ये कहानियाँ आपको केसा लगा ? कमेंट करके जरूर बताना। 

ये “Top 2 Best Bedtime Stories in Hindi with Moral” कहानिओ का उदेश्य था की, जो इंसान चालक होता हे बह ठीक हे लेकिन जगा चालक बनाना मुसबत में पड़ सकता हे। 

इस दुनिया में जो आज की हालत हे उसमे इंसानो को थोड़ा चालक और चतुर होना भी चाहिए लेकिन जरुरत से ज्यादा नहीं बनाना चाहिए। और लालच करना तो बिलकुल भी नहीं। इसमें नुकसान खुद का ही होता हे। 

॥धन्यवाद॥

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