Dost ki Madad Moral Story in Hindi | बन्दर और चूहा की दोस्ती कहानी 2023

आज की कहानी “Dost ki Madad Moral Story in Hindi” दो दोस्त का हे। बन्दर और चूहा की एक जबरदस्त दोस्ती की दास्तान सुनाने बाला हु जो पढ़कर आपको लगेगा की हाँ सही में दोस्ती किया होता हे इस कहानी से पता चला।

दोस्तो, मोरल स्टोरी कोन नहीं पसंद करता। खास करके बच्चे तो ये मोरल स्टोरी बहुत ही पसंद करता हे। और ये “Dost ki Madad Moral Story in Hindi” कहानी से बच्चो को एक बहुत ही अच्छे सीख भी मिलेगी।

Dost ki Madad Moral Story in Hindi

“Dost ki Madad Moral Story in Hindi” नैतिक कहानी बच्चे, युबा और बुजुर्ग की सबसे पसंदिता कहानिओ में से एक हे। क्यूंकि नैतिक कहानी सबसे ज्यादा जानबरों से जुड़ा हुआ रहता हे।

और इस कहानिओ में से जो सीख मिलता हे बह सीख बच्चो को अच्छे बिचार धारा के साथ साथ मानसिक बिकाश में भी काम आता हे। कैसे समाज की भला करना चाहिए, कैसे बुजुर्गो को मान सम्मान करना चाहिए सभी इस नैतिक कहानिओ से सीख पाते हे।

तो दोस्तों, देर ना करके चलिए शुरू करते हे आज की कहानी “Dost ki Madad Moral Story in Hindi” एक बन्दर और एक चूहा की कहानी –

बन्दर और चूहा की कहानी

Dost ki Madad Moral Story in Hindi | बन्दर और चूहा की दोस्ती कहानी
Dost ki Madad Moral Story in Hindi

बहुत पुरानी बात हे, एक घना जंगल में एक बन्दर रहता था। बन्दर उस जंगल की एक बड़ा सा पेड़ में आपने आसियाना बनाया था और उसी पेड़ की निचे एक छोटा सा चूहा भी रहता था।

बन्दर और चूहा की बहुत ही अच्छा दोस्ती दोस्ती था। दोनों ही अलग अलग जगह पर खाने की तलाश में घूमने जाता था लेकिन जब बह दोनों आपने घर पे आता था तब जमकर बाते करता था।

आज तुमने कहा गया था, किया खाना खाया, किया किया देखा ऐसा बहुत सरे बाते किया करता था। एकदिन सुबह बन्दर ने चूहा को कहा, चलो आज हम दोनों एक साथ खाने की तालश में घूमने जायेंगे।

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चूहा ने कहा ये तो अच्छी बात हे, तो बन्दर भईया आज हम दोनों किधर जायेंगे? बन्दर ने कहा हमारे जंगल की बगल में एक बड़ा सा खेत हे और उसमे बहुत सारे चबल की खेत, गेहू की खेत, पपीता की खेत, केले की खेत हे।

आज हम दोनों बहुत ही मजे से खाना खाएंगे। चूहा बन्दर की ये बात सुनकर बहुत ही आनद हुआ और दोनों खेत पर चला गया। खेत में पहुंचते ही चूहा ने चबल और गेहू की खेत की तरफ चला गया और बन्दर पपीता और केले की खेत की तरफ चला गया।

दोनों ही बहुत ही मजा से खाना खा रहा था। सुबह से दोपहर हो गया। चूहा ने इतना खाना खा लिया की बह ठीक से चल भी नहीं पा रहा था। तो चूहा ने सोचा की यह थोड़ी देर आराम कर लेता हु।

Dost ki Madad Moral Story in Hindi | बन्दर और चूहा की दोस्ती कहानी
Dost ki Madad Moral Story in Hindi

चूहा ने एक छओ देखकर आराम करने लगा और हलकी हलकी हबा चलने की बजह से बाह सो गया। इधर किसान आया चबल की खेत देखने को। किसान ने आकर देखा की बहुत सी चबल जमीं में पड़ा हे।

ये देखते ही किसान की समझ में आ गया हे की ये किसका काम हे। बह देर ना करके चूहा को दुगने लगा। किसान की चेहेल पेहल की आवाज में चूहा की नींद खु गयी और देखा की किसान की हाथो में एक लकड़ी हे और बह हमारी तलाश में ही इधर आ रहा हे।

चूहा ने देर ना करते हुए बह भागने जगा लेकिन ज्यादा खाने की बजह से बह भाग भी नहीं पा रहा था। तब चूहा ने बन्दर को आवाज लगाई और कैसे भी करके बन्दर की पास पहुंच गयी।

तब बन्दर ने चूहा को आपने हाथ में उठाकर अपने कंधो पर रख दिया और बन्दर ने बहुत ही तेजी से बहा से भाग कर जंगल की पैर में चढ़ गया। इधर किसान ने निराश हो कर बापस आपने घर में चला गया।

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चूहा की जान बचने केलिए बन्दर को चूहा ने बहुत ध्यनबाद कहा। बन्दर ने कहा ध्यनबाद किस बात की दोस्तों की मदत करना हमारा फर्ज हे। दोनों बहुत ही खुस हुए और दोनों बहुत सरे बाते करने लगे।

ऐसा ही बह दोनों बहा रहते रहते बहुत साल गुजर गया। लेकिन बह दोनों में दोस्ती पहले से भी और गहरा हो गया। अब तो बाह दोनों कही भी अलग नहीं जाता था। कही भी जाना होता तो दोनों एक साथ जाता था।

बन्दर ने चूहा को कहा, दोस्त बहुत दिन हो गया हम दोनों ये जंगल छोड़कर बाहार नहीं गया। चलो आज कही बाहार घूमने चलते हे और कही किसीका खेत में कोई अच्छा फसल मिलेगा तो दोनों पेट भरके खाकर आएंगे।

चूहा ने कहा ठीक हे, जहा आप हो मुझे तो चिंता करने की जरुराज ही नहीं। दोनों सुबह सुबह चल दिए घूमने के लिए। बह दोनों घूमते घूमते बहुत दूर की एक गांव के पास जा पहुंचा।

Dost ki Madad Moral Story in Hindi | बन्दर और चूहा की दोस्ती कहानी
Dost ki Madad Moral Story in Hindi

और बही गांव की थोड़ा पास में एक बहुत बड़ा फलों का बगीचा था। बन्दर की नजर उस बगीचे की फलो ऊपर पड़ी और बह फल खाने की लालच ना संभाल पाए और तुरंत बगीचे में घुस गए।

और चूहा ने लोगो की घर में जाकर उनके पसंद का खाना खाने लगे। बगीचा में लोगो की आना जाना बहुत ही कम था इसकी बजह से बन्दर ने बहुत ही मजे से फल खा रहा था।

लेकिन बन्दर को पता भी नहीं था की लोगो ने उस बगीचा में जानबरों और पक्षिओ को पकड़ ने केलिए जाल बिछाया हुआ हे। बन्दर तो बहुत दिनों बाद मजे से इस पेड़ से उस पेड़ में फल खाने ब्यस्थ हे।

बन्दर ने अचानक उस बगीचे की बीचो बिच एक सुन्दर फलो का पेड़ देखा और देखते ही तुरंत उस पेड़ में छलांग लगा दी। जैसे ही बन्दर उस पेड़ में छलांग लगाई तुरंत बह लोगो की बिछाया हुआ जाल में फ़ास गया।

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बन्दर ने बहुत ही कोसिस किया उस जाल को तोड़ कर बाहार निकलनेकी लेकिन बहुत कोसिस करनेकी बाबजूद भी उस जाल बाहार नहीं आ सका। सुबह से साम हो गया बन्दर उसी जाल में बंद पड़ा था।

इधर चूहा लोगो की घर में बहुत ही मजे से खाना खाकर जब बाहार आया तो देखा की साम होने बाला हे। बह धीरे धीरे चलकर उस बगीचा में पहुंचा। चूहा ने बगीचा की अंदर बन्दर को ढूंढ़ता रहा।

ढूंढ़ते ढूंढ़ते जब चूहा बगीचे की बिच में आकर पहुंचा तो देखा की बन्दर जाल में फसा हुआ हे। इधर बन्दर भी बहुत थक चूका था। चूहा ने कहा बन्दर भाई आपका ये हाल किसने किया?

बन्दर ने कहा, कोई नहीं भाई, यहकि लोगोने बगीचे की अंदर इस पेड़ में जाल बिछाया हुआ रखा था और मुझे पाता नहीं था की इस पेड़ में जाल बिछाया हुआ हे।

जैसे में इस पेड़ में फल खाने केलिए आया तो में आपने आप इस जाल में फास गया। सुकर मनाओ अभी तक इस बगीचे में कोई भी लोग नहीं आया नहीं तो आज मेरा किया होता मुझे नहीं पता था।

जल्दी इस जाल को आपने दांतो से काटो और मुझे इस जाल से मुक्त करो। चूहा ने कहा में अभी इस जाल को काट कर आपको बाहार निकलता हु। चूहा ने तुरंत उस जाल को काट कर बन्दर की जान बचाई।

और बह दोनों बहासे से तुरंत भाग कर आपने जंगल की तरफ रबाना कर दिया। चूहा और बन्दर ऐसेही एक दूसरे की मुसीबतो में मदत की।

नैतिक शिक्षा : “जब तुम दुसरो की मदत करोगे तब दूसरे भी आपकी मदत करेगा।”

Conclusion – निष्कर्ष –

आज की “Dost ki Madad Moral Story in Hindi | बन्दर और चूहा की दोस्ती कहानी” ये कहानी आपको केसा लगा कमेंट करके जरूर बताए। क्यूंकि आपकी एक कमेंट हमको और एक अच्छे कहानी लिखने में प्रेरणा देता हे। 

दोस्तो, आज की “Dost ki Madad Moral Story in Hindi” कहानिओ से जो हमको सिख मिला हे बह हे की दुसरो की मदत करना सबसे पुण्य का काम होता हे। किसी इंसान कोई मुसीबत में पड़ा हे तो आप उसकी मदत जरूर करे।

और ये पुण्य की बजह से आप भी जब कोई मुसीबतो में पड़ोगे तब कोई ना कोई जरूर आपकी मदत करेगा। इसलिए कोई इंसान जब मुसीबत में पड़ता हे और आपसे मदत मांगता हे तो उसे अनदेखा बिलकुल भी ना करे।

जितना हो सके उसका मदत करे। इंसान इंसानो केलिए ही काम आते हे। हर इंसान एक से दूसरे से जुड़े हे। जब तक हम एक दूसरे की मदत नहीं करेंगे तब हम आगे कैसे बढ़ेंगे। 

इस दुनिया में हर मोड़ पे किसी ना किसी का मदत के बिना आप सफलता हासिल नहीं कर सकता। हम सबको एक दूसरे को जरुरत हे। 

 ॥धन्यवाद॥

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