आज की “Best of Moral Stories in Hindi for Class 6” कक्षा 6 के लिए हिंदी में सर्वोत्तम नैतिक कहानियाँ बहुत ही रोचक और मजेदार हे। खाश करके बो बच्चे जो छठा कक्षा में पड़ता हे। “Best of Moral Stories in Hindi for Class 6” ये कहानी की तरह हर नैतिक कहानी बच्चो को बहुत ही अच्छे अच्छे मूल्यबान शिक्षा प्रदान करता हे।
हमारे देश में हर छोटे बच्चो को नैतिक कहानी “Best of Moral Stories in Hindi for Class 6” पड़ना चाहिए क्यूंकि एकमात्र नैतिक कहानी से ही आसन तारीखों से बच्चो को सही नीति शिक्षा प्रदान कर सकता हे। नीति शिक्षा बच्चो की मानसीक बिकाश की उन्नति करने में बहुत मदत करता हे। इसलिए बड़े बुजुर्ग को घर की हर बच्चे को रोजाना नैतिक कहानी पड़ना चाहिए ताकि बच्चे अच्छे अच्छे शिक्षा प्राप्त कर सके।
“Best of Moral Stories in Hindi for Class 6” नैतिक कहानी से जो बच्चो को शिक्षा मिलता हे बो शिक्षा बच्चो को हर अनैतिक काम से रोकती हे। जैसे ख़राब ब्यबहार ना करना , चोरी ना करना, किसीसे झगड़ा ना करना, किसीके साथ असलीन बर्ताब ना करना। और नैतिक शिक्षा बच्चो को ये भी सिखाती हे की, समाज की सेबा करना, बड़े बुजुर्ग को सम्मान करना, माता- पिता को प्यार करना आपने भाई बेहेन के साथ मिल जुलके रहना, दोस्तो के साथ अच्छा बर्ताब करना, अच्छी से पढ़ाई करना आदि। तो चलिए मित्रो, देर ना करके आज की ये “Best of Moral Stories in Hindi for Class 6” कक्षा 6 के लिए हिंदी में सर्वोत्तम नैतिक कहानियाँ पड़ लेते हे –
बहुत पुराणी बात हे। एक गांव में हरी नाम की एक किसान और उसके पत्नी रहता था। एकदिन सुबह में हरी देर तक सो रहा था तब किसान की पत्नी ने किसान को कहा इतना देर तक क्यों सोया हो, जल्दी से उठ जाओ, खेत पे भी तो जाना हे।
हरी ने कहा -अरे सुबह सुबह शोर क्यों मचा रहा हो, उठ तो रहा हु, ये कहते हुए हरी न ने बिस्तर से उठ गया।
तभी अचानक हरी की पत्नी ने कहा – आपकी पीछे बो किया हे?
हरी ने कहा – कहा कहा किया हे?
हरी की पत्नी ने कहा – आप थोड़ा मुड़ो तो, देखता हु पीछे किया हे? तब किसान पीछे मुड़ा और उसका पत्नी ने जो देखा तो बो देखकर हैरान हो गया। उसने कहा आपकी पूछ कहा से आया? हरी ने कहा – किया पूछ! पूछ कहासे आएगा? तुम पागल तो नहीं हो गए? ये भी पड़े:
हरी की पत्नी ने कहा – आपने हाथ से देखो की बो पूछ हे की नहीं?
हरी ने कहा – जैसे ही किसान ने पूछ पर हाथ डाला तो देखा की सही में बो तो पूछ ही हे। ये देखते हुए किसान कहने लगा सही में पत्नी अब मेरा किया होगा? में तो गांव में किसीको अपना मुँह देखा नहीं एकता।
हरी की पत्नी ने कहा – आप परेशान मत हो। आप एकबार कबिराज के पास जाकर देखो, बह इसका हल अबस्य निकलेगा। हरी ने पत्नी की बात सुनकर देर ना करके तुरंत कबिराज की पास जाने केलिए चल दिए। रस्ते में जाते बक्त गांव की एक आदमी गोपाल से किसान की मुलाकात हुयी और गोपाल ने कहा, हरी भाई आप इतना सुबह सुबह कहा जा रहेहो? हरी ने कहा – कबिराज के पास जा रहा हु भाई। गोपाल ने कहा – ये आपकी पीछे बो किया देख रहा हु? बो आदमी पीछे जा कर देखा की हरी की पीछे एक पूछ हे। पूछ देखते ही गोपाल ने कहा ये किया हे, हरी भाई आपकी पीछे पूछ कहा से आया? ये असली हे या नकली हे, ये कहकर गोपाल ने पूछ खींचने लगा। हरी ने कहा – मुझे बहुत दर्द हो रहा हे, मेरी पूछ छोड़ दो। गोपाल ने कहा – ये तो असली पूछ हे। हरी भाई मुझे लगता हे की आप शैतान बन गया। ये कहकर गोपाल डर के मारे बहा से भाग गया। ये भी पड़े: हरी ने कहा – गोपाल को भागते हरी ने कहा अरे गोपाल में शैतान नहीं आदमी हु, ये तो बहुत परिसानी हो गया। ये कहते हुए हरी ने फिर से कबिराज की घर की तरफ चल दिए। हरी ने कबिराज को आवज लगाई और हरी की आवाज सुनकर कबिराज ने घर से बाहर आया। कबिराज ने कहा – अरे हरी, किया बात हे, मेरे पास क्यों आये हो? तेरा पत्नी का तबियत ख़राब हो गया किया? हरी ने कहा – नहीं, मेरा पत्नी का कुछ नहीं हुआ, मेरा पीछे एक पूछ निकला, ये देखो। ये कहकर हरी ने मुड़कर कबिराज को उसकी पूछ दिखाई। कबिराज ने कहा – आरे सही में तो तेरा पूछ निकला हुआ हे। हरी ने कहा – इसका कोई दबाई हे जो खा कर बो पूछ और नहीं रहेगा। कबिराज ने कहा – नहीं, इसका तो कोई भी दबाई मेरे पास नहीं हे। लेकिन इसका एक उपाय हे मेरे पास।
हरी ने कहा – कौन सा उपाय जल्दी बताइये। ये भी पड़े: कबिराज ने कहा – पूछ को काटना पड़ेगा। हरी ने कहा – अगर काटने से ठीक हो जाता हे तो जल्दी काटिये। हरी की बात सुनके की बाद कबिराज ने घर से एक कटारी लेकर आया और पूछ को काटने लगे। लेकिन बहुत कोसिस करने की बाद भी पूछ को काट नहीं पाया। कबिराज ने कहा – अरे ये किया हे हरी तेरी पूछ तो नहीं काट पा रहा हु। हरी ने कहा – जैसे भी करके ये पूछ को काटिये। उसके बाद कबिराज ने घर से एक कुल्हाड़ी लेकर आया और कबिराज ने बह कुल्हाड़ी से पूछ को काटने लगा और हरी को कहा साबधान में खड़े रहो, अब देखता हु पूछ ना काटके कहा जाता हे। जैसे ही कबिराज ने पूछ काटने की कोसिस की तब बो पूछ लम्बा होकर कबिराज को लपेट लिया और ऊपर की तरफ उल्टा लटका दिया। कबिराज ने कहा – कबिराज ने डर के मारे जोर जोर से कहने लगा मुझे बचा ले हरी, मुझे बचा ले हरी। हरी ने कहा – ये किया हो रहा हे। कबिराज ने कहा – हरी मुझे निचे उतर, हरी मुझे जल्दी से निचे उतर। हरी ने कहा – ये पूछ कबिराज जी को निचे उतर, में कहे रहा हु ये पूछ कबिराज जी को जल्दी से निचे उतर। जैसे ही हरी ने पूछ को कहा, पूछ ने तुरंत कबिराज जी को निचे जमीन में पटक दिया। कबिराज ने कहा – अरे मेरी कमर टूट गया लगता हे। में तेरी इलाज नहीं कर सकता, एहासे चला जा, जा एहसे, मेरी कमर तोड़ दिया तेरी पूछ ने, एहसे भाग जा जल्दी। ये भी पड़े: कबिराज ने हरी को बहा से भगा दिया। और हरी ने भी बहा से चुपचाप चला आया। हरी गांव की रास्ता से गुजर ने की बक्त कुछ ने हरी को देखकर कहा, देख देख किसान की पूछ निकला हुआ हे, और सभी बच्चो ने हरी को देखकर कहने लगा बन्दर किसान-बन्दर किसान। हरी ने बहुत ही परेशान हो कर आपने घर बापस लोट आये। और घर की बहार उदास हो कर बेथ गया। तभी उसका पत्नी घर से बाहर आया और कहा, हरी की पत्नी ने कहा – किया हुआ, कोई बंदोबस्त हुआ? हरी ने कहा – नहीं हुआ, इसकी बजह ये पूछ कबिराज जी का कमर तोड़ दिया। हरी की पत्नी ने कहा – आप किया कहे रहा हो? हरी ने कहा – में सच कहे रहा हु। और रास्ता से आते बक्त मुझसे सभी ने मजाक कर रहा हे। हरी की पत्नी ने कहा – किया हो गया मुझे समझ में नहीं आ रहा हे। हरी ने कहा – तुम घर पे रहो में थोड़ा खेत में जा रहा हु। खेत में बहुत काम पड़ा हे। ये कहेते हुए हरी ने कुदाल लेकर खेत की तरफ चल दिया। खेत में उसकी काम करने में दिल नहीं कर रहा था। किसान बहुत ही परेशान हो कर एक पेड़ की निचे बैठ गया और कहने लगे, किया करू अभी में इस पूछ को लेकर, कुछ तो मेरी दिमाग में नहीं आ रहा हे। किया करू, अगर ऐसा होता की, में इस पूछ से खेत की काम कर सकता था तो बहुत अच्छा होता। जैसे ही किशन ने ये बात कहा, पूछ ने तुरंत कुदाल लेकर खेत को खोदने लगा। ये देखकर किसान ने अस्चर्या हो कर कहा, अरे बा पूछ तो मेरी बात सुन रहा हे। अच्छा हुआ, अभी में इस पूछ से खेती का सभी काम कर सकता हे। ये कहते हुए किसान आपने घर तरफ जाने लगा। घर की तरफ जाते बक्त गांव में एक कुँए की पास देखा की कुछ गांव की लोग खड़ा हे और बह सब आपस में बात कर रहा हे। हरी ने कहा – किया हुआ यह पर? तब एक गांव की औरत ने कहा हरी भाई मेरा लड़की कुँए में गिर गया, बचा लो भाई मेरी लड़की को बचा लो। हरी ने कहा – किया कहे रहा हो, रुको में देखता हु, किया कर सकता हु। तभी हरी ने आपने पूछ को कहा, पूछ कुँए में से लड़की को उठा कर ले कर आ। जे से ही हरी ने पूछ को कहा, पूछ ने तुरंत कुँए में जाकर लड़की को बाहर निकला। लड़की को बहार आने की बाद सभी गांव बाला बहुत खुस हुए। और बह औरत ने कहा, हरी भाई आपको बहुत बहुत धन्यबाद और सभी गांव बाला हरी की नाम की जय जय कर करने लगा। हरी ने कहा – धन्यबाद देने की कोई जरुरत नहीं हे, जाओ लड़की को लेकर आपने घर में लोट जाओ। ये कहते हुए हरी ने आपने घर में आ गया। घर में आकर हरी ने आपने पत्नी को सारि बात बताई। हरी की पत्नी ने कहा – हरी की बात सुनकर हरी की पत्नी बहुत ही खुश हुए और कहा की जो हुआ अच्छा ही हुआ। ये पूछ आपको हर काम में सहायता करेगा। हरी ने कहा – सही कहा पत्नी, अब साओ जाओ बहुत रात हो गया हे। तभी एक लड़का अचानक हरी को बुलाया। हरी काका, हरी काका ! हरी ने कहा – इतना रात को अभी कौन आया? ये कहते हुए हरी ने घर की दरबाजा खोला तो देखा की गांव की एक लड़का रतन घर की बहार खड़ा हे। हरी ने कहा अरे रतन इतना रात को मेरा घर पे, किया बात हे? ये भी पड़े: रतन ने कहा – गांव की गोपाल काका की भेहेस गांव की सभी आदमीओ को मार रहा हे और कोई भेहेस को पकड़ नहीं पा रहा हे। हरी ने कहा – चल तो देखता हु किया बात हे। ये कहते हुए हरी और रतन ने गांव की तरफ चल दिया। गांव में गोपाल की घर आने की बाद, गोपाल ने कहा भाई हरी तू आ गया। देख ना मेरी भेहेस केसा कर रहा हे। बह मेरी बात नहीं मान रहा हे। सबको मार रहा हे कोई भी उसे पकड़ नहीं पा रहा हे। तू उसको थोड़ा बांध देना भाई। हरी ने कहा – तुम बिलकुल चिंता मत करो गोपाल भाई में कुछ करता हु। हरी ने ये कहते हुए उसकी पूछ को कहा, पूछ बह भेहेस को जल्दी से बांध हे। जैसे ही हरी ने पूछ को कहा, पूछ ने तुरंत भेहेस को बांध दिया। गोपाल ने कहा – हरी भाई मुझे ये मुसीबत से बचाया में ये बेहेस लेकर बहुत ही चिंता में था। हरी ने कहा – देखा गोपाल भाई मेरी ये पूछ आज तुम्हारे काम में आया। अभी से तुम और किसीको लेकर कोई अनाब सनाब मत कहना। गोपाल ने कहा – हाँ भाई में तुझसे वादा करता हु आज से में किसीको लेकर अनाब सनाब नहीं कहूंगा। ये कहने के बाद हरी ने आपने घर आ गया। और घर में आते ही हरी की पत्नी ने कहा, किया हुआ भेहेस को पकड़ पाया? हरी ने कहा – हाँ पकड़ पाया, मेरी ये पूछ सब कुछ कर सकता हे। ये कहते हुए हरी में हसने लगा। और उसके बाद हरी और हरी का पत्नी सो गया। और इस तरफ हरी की घर की बहार दो चोरो आ कर खड़ा हुआ और दोनों आपस में कहने लगा की, हरी की घर में बहुत पैसा हे, कल चबल बेच कर घर में बहुत पैसा लाया, चल घर की अंदर लेकिन बहुत ही सबधाणी से। ये कहते हुए दो चोरो ने हरी की घर में घुश गया। जैसे ही दो चोर हरी की घर में घुसा बो पूछ ने उन दोनों चोरो को बहुत बुरी तरह से पीटने लगा और दोनों चोर जोर जोर से चिल्लाने लगा, हमें ये पूछ मार देगा मुझे बचाओ मुझे बचाओ, छोड़ दो, हम को छोड़ हो ! दोनों चोर की आवाज सुनकर हरी और उसका पत्नी नींद से जाग गया और हरी की पत्नी ने कहा, ये लोग कौन हे और ये लोगो को तुम्हारी पूछ ने मार क्यों रहा हे? हरी ने कहा – तुमका समझ में नहीं आ रहा हे, ये लोग चोर हे और हमारी घर में चोरी करने केलिए आया हे। हरी की पत्नी ने कहा – आओ अच्छा मार और मार, चोरी करना अब देख केसा लगता हे। चोर ने कहा – हमसे गलती हो गया हरी भाई हमें माफ़ कर दो? हरी ने कहा – पूछ बह लोग को छोड़ दे, और तुम दोनों कभी भी किसीकी घर में चोरी नहीं करोगे चोर ने कहा – नहीं नहीं हरी भाई हम लोग और किसीका घर में चोरी नहीं करूँगा। ये कहते हुए दोनों चोर हरी की घर से चला गया। हरी की पत्नी ने कहा – अच्छा तुम्हारी ये पूछ तो बहुत ही काम का हे। लेकिन अचानक पूछ आया कहा से ये तो मेरी अभी तक समझ नहीं आया। तभी पूछ कहने लगा, में हु जादुई पूछ और तुम्हे ये पूछ बरदान में मिला हे। हरी ने कहा – बरदान में मिला? पूछ ने कहा – हाँ ये बात सच हे। तुम बहुत दयालु और परोपकारी हे इसलिए मुझे तुमको मिला। तुमको याद हे बो बन्दर की बात? एक बन्दर एक घाना जंगल में जाल में फास गया था और बह बन्दर जोर जोर से कहने लगा मुझे कोई बचाओ मुझे कोई बचाओ, तभी है किसान हरी बहा पहुँचता हे और बन्दर की ये हल देख कर बहुत दया अत हे। और हरी ने बन्दर को बो जाल से मुक्त करबाता हे। हरी ने कहा – हाँ हाँ मुझे याद हे। पूछ ने कहा – बह बन्दर एक साधु था और उसकी जीबन आपने बचाया इसलिए आपको ये बरदान दिया हे। और तुम मेरी मदत से इंसान को मदत कर सको। हरी की पत्नी ने कहा – जो होता हे अच्छे केलिए ही होता हे। हम अब सबको बहुत ज्यादा मदर कर सकता हु। हरी ने कहा – सही कहा आपने अब हम सबको मदत करेंगे। नैतिक शिक्षा : “अच्छे मन की इंसान की साथ हमेशा अच्छे ही होता हे।”
आज की “Best of Moral Stories in Hindi for Class 6 | कक्षा 6 के लिए हिंदी में सर्वोत्तम नैतिक कहानियाँ” ये कहानियाँ आपको केसा लगा ? अगर आपको ये नैतिक “किसान की पूछ” कहानी अच्छा लगा तो हमें जरूर कमेंट करके बताये। इस “Best of Moral Stories in Hindi for Class 6” कहानी का उद्देश्य हे की, इंसान को हमेसा दयालु और परोपकारी बनना चाहिए ताकि लोगो की मदत करने में काम आये।
आपका एक कमेंट हमें और भी अच्छी अच्छी नैतिक कहानी लिखने की प्रेरणा देता हे।
॥धन्यवाद॥
Best of Moral Stories in Hindi for Class 6
कक्षा 6 के लिए हिंदी में सर्वोत्तम नैतिक कहानियाँ
जादुई पूछ – Moral Stories in Hindi for Class 6
Conclusion – निष्कर्ष –
और पड़े :
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