आज की “Top 2 Best Real Ghost Horror Short Story in Hindi” रोंगटे खड़ा होने बाला भुत, प्रेत, डायन, चुड़ैल और आत्माओँ की कहानियाँ बहुत ही भयानक रहस्यमय और बेहद डारावानी हे।
ये कहानी पड़ने में जितना मजेदार और रोचक हे उतनाही डरावनी हे। ये भुत, प्रेत, डायन, चुड़ैल और आत्माओँ की कहानियाँ रातो में पड़ने में बहुत ही मजा आता हे लेकिन अकेला पड़ने में बहुत ही डर भी लगता हे।
Horror Short Story in Hindi
“Top 2 Best Real Ghost Horror Short Story in Hindi” ये कहानी पढ़कर आपकी रोंगटे खड़ा हो जायेगा क्यूंकि ये कहानी हे ही उतना भयानक और डारावानी। भूतो का कहानी बहुत ही दिलचस्त होता हे।
भूतो की कहानी छोटे बच्चे से लेकर बड़े बुजुर्ग सभी पसंद करते हे। बास्तब में भुत-प्रेत, आत्माये हे की नहीं ये बताना मुश्किल हे। लेकिन जो भी इंसान इन आत्माओ से रूबरू हुआ हे सिर्फ उन्ही को पता हे ये सभी चीज बास्तब में हे या नहीं।
लोगो की मुँह से तो हम बहुत ही भुत-प्रेत और आत्माये की बाते सुनते हे और सच कहु तो सुनने में बहुत ही अच्छा भी लगता हे। लेकिन ज्यादातर इस बिषय में चर्चा गांव में होता हे। क्यूंकि गांव में अभी भी भुत-प्रेत, आत्माये पे बिस्वास करते हे।
तो दोस्तों, चलिए शुरू करते हे आज की “Top 2 Best Real Ghost Horror Short Story in Hindi” रोंगटे खड़ा होने बाला भुत, प्रेत, चुड़ैल और आत्माओँ की कहानियाँ –
1) भूतिया मकान | Real Ghost Horror Short Story in Hindi
ये कहानी 2015 में घटी झारखंड की एक छोटे सी गांव की हे। जो उस गांव में एक बहुत ही पुराना मकान थे। जिसे गांव की लोग भूतिया मकान कहते थे। बह मकान गांव की थोड़ा दूर एक पीपल की पेड़ के पास था।
और बह पीपल के पेड़ के पास कोई साल पहले हुए एक हादसे के बाद गांव की लोग बहा जाने में डर ता था। गांव की आस पास रहने बाले लोग भी रात की बक्त उस मकान के नहीं जाते थे।
क्यूंकि बह गांव बालो को बिस्वास था की बह मकान में एक भयानक डरावनी चुड़ैल रहता हे। गांव की बच्चे बड़े बुजुर्ग के पास भूतिया मकान की कहानी सुनकर बहुत डर जाता था।
बह गांव में रामु नाम के बहादुर लड़का रहता था और बह इन भूतो की कहानिओ से नहीं डरता था। और उसकी दिल में हमेशा एक सवाल गूंज रहता था की बास्तब में भुत-प्रेत होता हे या बह सिर्फ एक कहानी हे?
इसलिए मन की सवालो का जबाब ढूढ़ने केलिए रामु ने निर्णय लिया की बह खुद भूतिया मकान में जाकर देखेगा की सही में कोई भुत प्रेत हे या नहीं और सभी गांव बालो की भी सच बताऊंगा की बास्तब में कोई भुत नाम का चीज हे की नहीं।
रामु ने आपने बड़े भाई को भूतिया मकान जाने की बारेमे बताया लेकिन रामु की भाई ने रामु को बहा जाने के लिए माना किया लेकिन रामु किसी की बात नहीं सुनने बाला था।
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रामु की भाई ने बहुत कोसिस की रामु को बहा नहीं जाने देने केलिए लेकिन बह रामु को रोक नहीं पाया। उस समय दोपहर की समय था जो रामु ने भूतिया माकन जाने की फैसला किया था लेकिन रामु ने बाद में सोचा की नहीं दिन में मजा नहीं आएगा आज रात को ही बहा जाऊंगा।
तब रात की 10 बज रहा था। गांव में रात को लगभग 8-9 बजे ही सब सो जाता हे और रामु जब घर से भूतिया मकान जाने के लिए निकला था तब १० बजे की समय गांव बिलकुल सुनसान था।
रामु को रस्ते में जाते हुआ थोड़ा डर लग रहा था लेकिन बह हिम्मत करके और उस सवालो की जाबाज ढूढ़ने बह भूतिया मकान के पास पहुंचा। और जब बहा पहुंचा तो रामु को एक अजीब सा आवाज सुनाई दी।
रामु को थोड़ा अजीब लगा लेकिन बह बिना रुके भूतिया मकान की अंदर प्रोबेष किया। रामु जैसा ही अंदर गया तो उसे अजीब अजीब कुछ तस्बीर दिखाई दी, और गौर से देखा तो बह सब भूतो की तस्बीर दीबार पे लटका हुआ था।
घर की अंदर बहुत पुराणी चीजे भी थी जैसे, धूल से लतपत फटे कपड़े, पुराणी किताबे, पुराणी बर्तन, लकड़ी की बक्से। रामु ने देखा की भूतिया मकान एक साधारण मकान था।
और उस मकान में बेसा कुछ भी खास नहीं था। बह यकीन नहीं कर पा रहा था की जो गांव बाला बोलता था की इस मकान भुत रहता हे लेकिन यहां पे तो कुछ भी नहीं।
ये सोचते सोचते उसे सामने बाला पुराणी दीबार से एक आवाज सुनाई दी जो रामु को बहुत ही डरावनी लगी। जैसे ही रामु ने बह आवाज सुनी बह तुरंत भूतिया ,मकान से बाहर आ गयी।
और भागते भागते आपने घर में पहुंच गयी। रस्ते में आते आते रामु ने भूतिया मकान की घटना के बारे गांव बालो को बोलने केलिए बेहद उत्सुक था लेकिन रात होने की बजह से किसी को बोल नहीं पाया।
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घर में पहुंचने के बाद रामु की भाई रामु को देखकर कहने लगा कि सच में तू बहुत बहादुर हे। रामु ने भूतिया मकान की सच्चाई जान चूका था और बह सुबह गांव की सबको ये बात बताई।
गांव की लोगो ने रामु की बहुत तारीफ की और गांव बालो की तारीफ सुनकर रामु को बहुत ही गर्ब महसूस हुआ। लेकिन रामु ने भूतिया मकान में जो आवाज सुना था बह सच में बहुत ही डरावनी था और ये बात रामु को अच्छी तरह से पाता था।
2) भूतिया रेलवे स्टेशन | Horror Short Story in Hindi
ये कहानी 1995 में घटी शिमला की एक छोटी सी रेलवे स्टेशन बड़ोग रेलवे स्टेशन की हे। शालिनी की दादा जी बीमार थी उन्हें ब्लड प्रेसर थी और डॉक्टर ने उन्हें सुबह-शाम पैदल चलने की परामर्श परामर्श दी।
इसलिए शालिनी अपने दादा जी को रोज सुबह शाम बड़ोग रेलवे स्टेशन घूमने ले जाती थी क्यूंकि बड़ोग रेलवे स्टेशन शालिनी की घर से थोड़ा नजदिग था। बसे तो बड़ोग रेलवे स्टेशन हमेशा खली हुआ करता था।
लेकिन अचानक एकदिन शालिनी ने शाम की बक्त आपने दादा जी को जब बड़ोग रेलवे स्टेशन घूमने ले गया तो दोनों ने ही रेलवे स्टेशन में कुछ अजीब सा चेहेल पहल देखि ओर तभी रेलवे स्टेशन पर खड़ी कुछ लड़किओं ने उन दोनों को बुलाया।
शालिनी ने उनके दादा जी से कहा, देखो दादा जी बो लड़की हमें बुला रहे हे। चलिए उनसे कुछ बात कर लेते हे, थोड़ा समय बीत जायेगा आर उनसे बात करके अच्छा भी लगेगा। इधर शालिनी की माता-पिता उन दोनों का घर में आने की इंतजार कर रहे हे।
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शालिनी की पिता जी रामनाथ और शालिनी की माता साबित्री देवी दोनों केलिए बहुत ही चिंता में थे। रामनाथ ने कहा -पिताजी और शालिनी इतना देर तक कहा रहे गए?
तब साबित्री देवी कहते हे की -मुझे बहुत ही चिंता हो रहा हे, तुम थोड़ा दोनों को ढूढ़ने रेलवे स्टेशन की तरफ जाओ। रामनाथ शालिनी और पिताजी को ढूढ़ने केलिए रेलवे स्टेशन की तरफ जाता हे,
और बहा देखता हे की बह दोनों रेलवे ट्रक पर खून से लतपत होकर ट्रक पर लेटा हुआ हे। रामनाथ ने तुरंत आपने पिताजी और आपने बेटी को हॉस्पिटल लेकर जाता हे और उन दोनों की इलाज करबाके घर में लता हे।
कुछ दिन बाद रेशमा आपने पति सुरेश के साथ पहेली बार आपने भाई रामनाथ की घर गुमने जा रहे थे। बड़ोग रेलवे स्टेशन पहुंचते ही उन दोनों की पास एक लड़की आती हे।
बह लड़की की चहरे पे काफी चोट की निशान थे और उसके पैर उल्टे हुए थे। रेशमा और सुरेश बह लड़की को देखतेही स्टेशन से दौरता हुआ बाहार भाग जाता हे क्यूंकि बह महिला देखने में बहुत डरावनी थी।
रेशमा की भाई रामनाथ स्टेशन के बाहार दोनों का इंतजार कर रहा था। बह दोनों जैसे ही स्टेशन बाहार दौरता हुआ आता हे तब रामनाथ पूछती हे किया हुआ? तब रेशमा ने रामनाथ को सारे बात बताती हे और रामनाथ बह दोनों लेकर आपने घर में चला जाता हे।
घर में आने की बाद रेशमा और रमेश ने देखता हे की शालिनी और पिताजी बिस्तर पर लेटी हुयी हे और उन दोनों की सर पर पट्टी बंधी हुयी हे। रामनाथ कहता हे, किया बताऊ दीदी जब से में इस गांव में आया हु तब से में बहुत ही परेशान हु और हमारा साथ यह कुछ अच्छा नहीं हो रहा हे।
हमने सोचा तह की हमारे दादा जी और परदादा ने यह पर सदीओ से रहा हे इसलिए बहुत उम्मीद के साथ हमने भी शहर से बपाश यहाँ रहे चला आया। तीन दिन पहले दोनों बड़ोग रेलवे स्टेशन में घूमने केलिए गए थे।
बहुत देर होने की बजह से मेने खुद उन दोनों को ढूढ़ने केलिए स्टेशन पर गया और देखा की खून से लतपत होकर दोनों रेलवे ट्रक पर परा हे। ऐसा लग रहा था की कुछ लोग ने उन्हें मार कर रेलवे ट्रक पर फेक दिया। मुझे समझ नहीं आ रहा हे की में किया करू। लेकिन यहाँ हमारा दुसमन कौन हो सकता हे?
रेशमा ने कहा की -हमारे साथ भी उस स्टेशन पर कुछ अजीब घटना घटी थी। रमेश ने कहा की – क्यों ना हम गांव की बड़े बुजुर्ग के पास जाकर उस स्टेशन के बारे में पूछताछ करते हे। ये कहने की बाद अगला दिन सुबह में बह तीनो मिलके गांव की सबसे बुजुर्ग ब्यक्ति हरिराम काका पास चला गया।
रामनाथ ने हरिराम काका को सबकुछ बताया। सब बात सुनके की बाद हरिराम काका ने बताया की-यह घटना बहुत ही पुराना हे और इस घटना भारत इतिहास में दर्ज नहीं हे, मेरे जैसे कुछ लोगो की ही ये घटना के बारे में पाता हे।
हरिराम काका कहते हे, मेरे दादाजी शेर सिंह अंग्रेजो की कार्यालय में काम करते थे, और उस बक्त सवतंत्र संग्राम चल रहा था। 1941 में जब गांव बालो ने अंग्रेजो की खिलाफ खड़ा हुआ तब मेरे दादी जी ने गांव की खबर अंग्रेजो को दी थी और मेरे दादी जी अंग्रेजो के साथ मिल गए थे।
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जब अंग्रेज गांव में आया तो सभी गांव बालो ने स्टेशन पर छुप गए। और जब पाता चला की सभी गांव बालो ने स्टेशन में छुपी हुयी हे तब अंग्रेजो ने स्टेशन पर गोला बारूद चलायी और उसीके कारन बहुत गांव बालो मारे गए। तब से उनकी आत्माये बड़ोग रेलवे स्टेशन पर भटकती रही ती हे।
हरिराम काका की बात सुनने की बाद रामनाथ ने सभी गांव बालो को बुलाया और एलान की, में गांव में एक शमशान बनबना चाहता हु और में अपनी खुद की जमीन शमशान बनाने में दान करूँगा। और इस शमशान में उन सभी गांव बालो की स्मारक होगा जो 1941 में बड़ोग रेलवे स्टेशन में मारे गए थे।
रामनाथ गांव में शमशान बनाते हे और बड़ोग रेलवे स्टेशन पर शांति का पूजा और यज्ञ करबाया और फिर बड़ोग रेलवे स्टेशन में हमेशा केलिए डरावनी घटनाए होनी बंद हो गयी।
Conclusion – निष्कर्ष –
आज की “Top 2 Best Real Ghost Horror Short Story in Hindi | रोंगटे खड़ा होने बाला भुत, प्रेत, चुड़ैल और आत्माओँ की कहानियाँ” ये कहानियाँ आपको केसा लगा? आपको बता दू की ये कहानी और कहानी में सभी स्थान और पात्र काल्पनिक हे, बास्तब की साथ इस कहानी का कोई समंध नहीं हे।
॥धन्यवाद॥