आज हम बहुत आछा आछा नैतिक कहिनी लेकर आया हु। “Top 10 Moral Stories in Hindi | हिंदी नैतिक कहानियाँ” ये नैतिक कहानी पढ़कर आपको बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। ये कहानी बहुति रोचक और मजेदार हे जो पढ़कर आपको बहुत आनद आएगा।
कभी भी हम नैतिक कहानियाँ पड़तेहै, तो हमें ये कहानियाँ “Top 10 Moral Stories in Hindi” ज्यादातर बच्चो के लिए होता हे। क्यूंकि छोटे बच्चो को कहानी की माध्यम से समझाना बहुति सरल होता हे। और बच्चे भी कहानी को बहुत ही दिन से सुनते हे।
Top 10 Moral Stories in Hindi
कुछ कुछ नैतिक कहानियाँ “Top 10 Moral Stories in Hindi” ऐसे भी होता हे जो पढ़कर हमारा मन को छू जाता हे। और ये कहानी से जो शिक्षा मिलता हे बो हमारा जीबन में मानसिक बिकाश को बढ़ानेका काम करता हे।
बच्चे को बचपन में ही ऐसी कहानी “Top 10 Moral Stories in Hindi” सुनकर उनका मन में एक आछा भाबना का उत्पन्न होता हे। जो आगे चलकर समाज के लिए आपने परिबार के लिए आपने मित्र के लिए एक आछा प्रभाब देखने को मिलता हे।
ये सभी कहानियाँ “Top 10 Moral Stories in Hindi” शिक्षाप्रद हे। हमने भी बचपन में कहानियाँ सुनना बहुति पसंद करता था और अभी भी करता हु क्यूंकि कहानी से हमें बहुत कुछ सिखने को मिलता हे। ज्यादातर बच्चे जानबरो की कहानियाँ सुनना पसंद करता हे क्यूंकि जनबरो की कहानियाँ होता हे ही मजेदार और रोचक।
कोई भी लेखक जब कहानी लिखता हे तो बो लेखक हमेशा चाहता हे की कहानी हमेशा अधिक से अधिक मजेदार और रोचक बनाया जाये और साथ साथ ये भी ध्यान देता हे की जो कहानी बो लिखरेहे हे बो कहानी से बच्चो को एक आछा शिक्षा प्राप्त हो।
आज हम बहुत सारा आछा आछा रोचक और मजेदार “Top 10 Moral Stories in Hindi” कहानी के बारे में बताऊंगा जो पढ़कर आपको जरूर आनंद प्राप्त होगा और साथ ही साथ आछा शिक्षा भी प्राप्त होगा। “Top 10 Moral Stories in Hindi” तो चलिए मित्रो शुरू करते हे –
1) Top 10 Moral Stories in Hindi – ईमानदार लकड़हारे की कहानी

बहुत जमाना पहली की बात हे, के छोटी सी गांव में राम और श्याम नाम का दो भाई रहता था। बो दोनों लकड़हारे का काम करता था। राम बहुत ही इमांदर तह और श्याम बहुति ही लालची और मतलबी था।
राम पूरा दिन जंगल में लकड़ी काट कर उसे बाजार में बेच कर जो थोड़ा पैसा मिलता था उसीसे बो आपने परिबार के साथ खुसी से दिन गुजरा करता था। बो दोनों भाई एक ही जंगल में रोज लकड़ी काटने के लिए जाता हे।
एकदिन किया हुआ, राम लकड़ी काटने के लिए जंगल में जाते हे, और जंगल के पास एक बड़ा तालाब था। उस तालाब के पास राम ने लकड़ी काटरहा था। और लकड़ी काटते काटते राम के हाथ फिसल कर कुल्हाड़ी तालाब में गिर गया।
कुल्हारी गिरने के बाद राम बहुत चिंतित में पड़ गए, वह सोचने लगा मेरे पास तो एक ही कुल्हाड़ी था वह भी तालाब में गिर गया। अब मैं कैसे लकड़ी काटूंगा और मैं कैसे अपना परिवार को देखभाल करूँगा।
राम ने यह सोचते ही सोचते तालाब से जलदेवी अपने हाथ में एक “सोने का कुल्हाड़ी” लेकर बाहर आया। और यह देख कर राम ने चौक गया। जलदेवी राम को कहां “बेटा क्या यह सोने का कुल्हाड़ी तुम्हारी है”?
राम ने कहा, “नहीं माते यह सोने का कुल्हाड़ी मेरी नहीं हे”। जलदेवी ने फिर से तलब की नीचे चला गया और थोड़ी देर बाद फिर से जल देवी तलब की बहार आई और राम से पूछा, “बेटा यह चांदी की कुल्हाड़ी तुम्हारी है”?
राम ने कहा “नहीं माते यह चांदी का कुल्हाड़ी भी मेरी नहीं हे”। जलदेवी ने फिर से तालाब के अंदर चला गया और थोड़ी देर बाद वापस बाहर आया और राम को फिर से कहा, “बेटा क्या यह लोहे की कुल्हाड़ी तुम्हारी है”?
राम लोहे को कुलारी देखकर बहुत ही खुश हो गया, और जलदेवी को कहा “हां माते यही तो है मेरा कुल्हारी”।
जलदेवी ने राम की इमानदारी देखकर बहुत ही खुश हुआ। और राम को कहा, बेटा तुम बहुत ही ईमानदार हो और सच्चा मन की हो। मैं तुम्हारी यह ईमानदारी और सच्चाई मन देख कर बहुत ही खुश हुआ। और मैं खुशी से तुम्हें यह तीनों कुल्हारी देता हूं।
राम खुशी होकर तीनों कुल्हाड़ी लेकर अपने घर चला गया। और राम को घर आते हुए उनकी भाई श्याम ने देख लिया। राम घर पर पहुंचकर अपना पत्नी को सारी बात बताई लेकिन स्याम ने चुप कर खिड़की से उन दोनों की सारी बात सुन लिया।
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श्याम ने उनके भाई राम का यह सारी बात सुनकर तुरंत अपना लोहे का कुल्हाड़ी लेकर उसी तालाब में जाकर पहुंचा। और वह खुद जानबूझकर अपना लोहे का कुल्हारी तलाब में गिरा दिया।
तभी जलदेवी ने अपने हाथ में एक “सोने का कुल्हाड़ी” लेकर आती है और स्याम को कहती है, “बेटा क्या यह सोने का कुल्हाड़ी तुम्हारी है”?
श्याम ने सोने का कुल्हाड़ी देखकर उनके मन में लालच आ गया, और कहने लगा हां हां यही तो है मेरा कुल्हारी जो इस तालाब में गिर हेय था। जलदेवी ने श्याम की लालच देखकर बहुत ही क्रोधित हुए। और शाम को कहने लगा, “तुम बहुत ही लालची और मतलबी हो” मैं तुम्हारे ऊपर बहुत क्रोधित हुआ हूं। मैं तुम्हें एक भी कुल्हाड़ी नहीं दूंगा।
जलदेवी ने यह कहकर फिर से तलब के अंदर चला गया। और श्याम अपनी गलती का ऊपर बहुत पछतावा किया। वह सोचने लगा मेरी लालच की वजह से आज जो भी एक लोहे का कुल्हाड़ी मेरे पास था वह भी मेरे ही लालच की वजह से खो दिया। काश वह लालच में नहीं करता तो आज मेरे पास वह लोहे का कूलर तो रहता।
| नैतिक शिक्षा :- इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि, कभी भी हमें लालच नहीं करना चाहिए। क्योंकि लालच का फल हमेशा बुरा ही होता है। |
2) Top 10 Moral Stories in Hindi – चूहा और लोमड़ी कि कहिनी

एक बार की बात है, एक बहुत ही बड़ा घने जंगल में एक छोटी सी गुफा में एक लोमड़ी रहती थी। लोमड़ी उसी जंगल में अपनी शिकार करके अपना दिन गुजरा करता था। और उस लोमड़ी की गुफा में एक छोटी सी छेद था, उसमें एक चूहा छुपा रहता था। वह चूहा लोमड़ी को रोज परेशान करता था और लोमड़ी जब सोया रहता था तो उसे काटभी देता था।
जैसे ही लोमड़ी उसे पकड़ने जाती थी चूहा तुरंत अपना बिल में छूट जाता था। और वह चूहा लोमड़ी का जमा रखा हुआ मांस भी चुरा कर खा जाता था। चूहे की इस हरकत में लोमड़ी बहुत परेशान था।
एक दिन लोमड़ी ने सोचा मुझे इस चूहे का कुछ ना कुछ करना पड़ेगा। लोमड़ी तुरंत उसका पड़ोसी बिल्ली का पास गया मदत मांगने। और बिल्ली से उसका सारी परेशानी के बारे में बताया। लोमड़ी ने बिल्ली को कहां, क्या आप उस चूहे से मुझे छुटकारा दिला सकते हो?
बिल्ली ने कहा, हां जरूर मैं तुम्हें उस चूहे से छुटकारा दिलबाउंगा। बिल्ली की यह बात सुनकर लोमड़ी का मन में थोड़ा आशा का किरण जगा। फिर वह दोनों गुफा में चला गया। गुफा में जाकर बिल्ली ने सुबह से शाम तक और शाम से सुबह तक गुफा की निगरानी करने लगी।
बिल्ली को देखकर चूहे बहुत डर गया। और डर के मारे आपने बिल में ही छुपा रहता था। बाहर आने का हिम्मत नहीं करता था। क्योंकि उनको पता था अगर मैं बाहर आऊंगा तो बिल्ली मुझे छोड़ेंगे नहीं, वह बिल्ली पकड़कर मुझे खा जाएंगे।
इस तरह लोमड़ी बहुत ही आराम से गुफा में है रहने लगा। और उनका जमा हुआ मांस खाकर दिन गुजरहा करता था। और उस मांस से थोड़ा बहुत बिल्ली को भी देता था। लोमड़ी और बिल्ली दोनों मिलकर गुफा में आराम से रहने लगा।
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कुछ दिन ऐसे ही बीत गया। चूहा बहुत दिन भूखा था। इसलिए भूख से परेशान होकर वह चूहा अपना बिल से बाहर निकाला। जैसे ही चूहे ने बाहर निकाला बिल्ली तुरंत देखकर उसे मारकर खा गया।
बिल्ली ने सोचा आप तो लोमड़ी का दुश्मन मर गया है। अब लोमड़ी आराम से गुफा में रहेगी। वह लोमड़ी के पास जाकर लोमड़ी को कहा, मैंने उस दुष्ट चूहे को मारकर खा गया हु, अब आप आराम से रह सकते हो। अब मेरा जरूरत नहीं है, मैं अपना घर पर चला जाता हूं।
लोमड़ी बिल्ली की ये बात सुनकर बहुत ही खुश हो जाती है। तब चालाक लोमड़ी का मन में एक गंदा सोच आया, चूहा तो मर गया अब मैं इस बिल्ली को मारकर खा जाऊंगा। लोमड़ी जैसे ही बिल्ली को ऊपर आक्रमण करने गया वह बिल्ली तुरंत वहां से भाग गया।
और बिल्ली सोचने लगा काश मैं इस स्वार्थी लालची मतलबी लोमड़ी से दोस्ती करने से पहले इसे अच्छी से परख लेता तो आज यह दिन देखना नहीं पड़ता।
| नैतिक शिक्षा:- किसीका मदत करनेसे पहले उसे आछी तरह परख लेना बहुति जरुरी हे ,नहीतो बो आपकी पीठ पीछे आपको नुकसान पहुंचाएगा। |
3) Top 10 Moral Stories in Hindi – चूहे की समझदारी

एक जमाना की बात हे, गर्मिओ का मौसम था। एक बड़े से जंगल में एक हाथी रहता था। उस जंगल के बिच में एक छोटा सा झील था। सभी जंगल के जानबर ने उस छोटी सी का पानी पीकर आपने पियाश बुझाता था। और गर्मी की मौसम में ज्यादा गर्मी होने के कारण उस झील में पानी सूख जाता था।
झील सूखने की वजह से उस झील में झील में पानी का कमी आ गया था। और हाथी पानी पीने के लिए बहुत परेशान था। हाथी ने कई दिनों तक बिना पानी के गुजरा कर रहा था। एक दिन उनमें से एक छोटा सा हाथी सबको कहने लगा अब आप को पानी के लिए चिंता करने का कोई जरूरत नहीं है हमें पानी मिल गया है।
उस छोटे हाथी का बात सुनकर बाकी सब हाथी बहुत ही खुश हो गया। और सब पूछने लगा – तुम्हें पानी कहां से मिला?
वह छोटा हाथी ने जवाब दिय, इस जंगल से थोड़ा ही दूर में एक बहुत बड़ा नदी है। वहां पानी बहुत है, मेरे साथ चलिए आप सबको हम उस नदी के किनारे पर लेकर चलता हूं।
सभी हाथी उस नदी का किनारे पर पहुंचा, और मन भर के पानी पिया। और उस नदी के पास बहुत सारे चूहे रहता था। क्यूंकि वह चूहा जमीन के नीचे रहता था, हाथी का पैर के नीचे आकर बहुत चूहा ने अपना जान गवा दिया।
सभी चूहा सोच में पड़ गए, तब सभी इक्कठा होकर हाथी के पास गया, और हाथी को कहने लगा, “हाथी महाराज” नदी का किनारे हमारा परिवार रहता है, लेकिन आप की भारी वजन की वजह से आपका पैर के नीचे आकर बहुत चूहा मर गया।
उनमें से एक हाथी हंसते हुए कहने लगा, तुम इतने छोटे हो तुम हमारे पास आ रहे हो शिकायत करने के लिए। तुम हमारे क्या कमा सकते हो जो हम तुम्हारा बात सुने। तब दूसरे हाथी ने कहा ठीक है, हम जंगल के किनारे से इस नदी पर पानी भी निकली आऊंगा।
अगला दिन नदी के किनारे पर एक शिकारी जाल बिछाकर हाथी को पकड़ने के लिए रखा था। जब हाथी पानी पीने के लिए जंगल से नदी किनारे के लिए निकले तब उनमें से एक हाथी उस जाल में फस गया। और शिकारी उसे उठाकर झील के पास लेकर आए और एक पैर में रस्सी से उस हाथी को बांध दिया।
इस बात को लेकर बाकी हाथी बहुत चिंतित हो गया, कि हमारा साथी को कैसे बचाएं उस शिकारी से। तब सभी हाथी मिलकर चूहे के पास गया, और चूहे को सारी बात बताई। चूहा सब बात सुनकर सभी हाथी को कहां की, आप लोग बिल्कुल चिंता मत करो हम आप लोगों का जरूर मदद करेंगे।
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जैसा ही रात हुआ चूहा उस हाथी के पास गया, और जिस जाल में हाथी फसा था और जिस रस्सी से हाथी को बांधा हुआ था, उस रस्सी और जाल को चूहे ने अपना दांतों से काटा दिया और हाथी को वहां से मुक्ति दिलाई।
यह वही हाथी था जिसने चूहे की मजाक उड़ाया था, वह हाथी शर्मिंदा होकर कहने लगा हमें माफ कर दीजिए मैं उस दिन आपको छोटा समझ कर आप का मजाक उड़ाया था। अब मुझे समझ में आया कोई भी छोटा नहीं होता सबको बराबर सम्मान देना चाहिए क्योंकि सब एक दूसरे के लिए काम में आता है।
आज आप की ही वजह से मेरी जान बच गया। आपको बहुत-बहुत धन्यवाद। चूहा ने हाथी का बात सुनकर बहुत ही खुश हुआ। और उन सब दोस्त बन गया, और खुशी-खुशी जीने लगा।
| नैतिक शिक्षा:- कोई भी छोटे लोगों की कभी भी मजाक नहीं उड़ाना चाहिए, क्योंकि मुश्किल का समय में कोई भी काम आ सकता है। इसलिए सब को बराबर सम्मान देना चाहिए। |
4) Top 10 Moral Stories in Hindi – नटखट बन्दर की कहिनी

बहुत दिन पहले की बात है, एक छोटे से गांव में एक बंदर रहता था। और वह बंदर बहुत ही शरारती था। उस गांव में रहने वाले हर इंसान को वह परेशान करता था, कभी किसी को काट देता था नहीतो और किसी ना किसी का तो कपड़ा भी फाड़ देता था।
उस गांव में आते जाते इंसानों को हाथ में जो भी सामान रहता था उसे जबरदस्ती छीन लेता था। इसी की वजह से उस गांव की हार इंसान उस बंदर से बहुत ही परेशान था।
इसी बात को लेकर उस गांव में एक साम को बैठक बुलाया। और उस बैठक में यह फैसला हुआ कि, इस बंदर से छुटकारा पाने के लिए हमको एक मदारी की जरूरत पड़ेगा। क्योंकि वह मदारी ही इस बंदर को पकड़ के लेकर जा सकता है।
अगले दिन दूसरे गांव से एक मदारी को बुलाया, और उस मदारी को इस बंदर की हरकतों के बारे में सब कुछ बताया। मदारी सबको कहां की, मेरा एक सुझाव है – मैं सामने वाला जो पेड़ है उस पेड़ के सामने एक छोटा सा गड्ढा खोद दूंगा, और उसके ऊपर पत्ते बिछाकर वहां पर केले रख दूंगा।
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और जैसे ही बंदर केले खाने के लिए आएगा तब वह बंदर उस गड्ढे में गिर जाएगा, और मैं उस बंदर को तुरंत पकड़ लूंगा। सब गांव वाला उस मदारी की बात पर गौर किया और मदारी को कहां आप जो ठीक समझे वही करिए हम सभी लोग आपके साथ हूं।
अगले दिन सुबह ही उस पेड़ के नीचे एक गड्ढा खोदा और उस गड्ढा के ऊपर सुखी पत्ता बिछा दिया। और पत्ता के ऊपर केला रख दिया। जैसे ही बंदर केला खाने के लिए उस पत्ते की पास आया वह बंदर गड्ढे में गिर गया। और मदारी उसे तुरंत पकड़ लिया।
मदारी गांव वालों को कहा, बंदर केला बहुत पसंद करता है, इसलिए मैंने वहां पर केला रख दिया था। क्योंकि मुझे मालूम था केला देखकर बंदर को रहा नहीं जाएगा। वह केला की लालच में जरूर केला खाने के लिए वहां पर आएगा। जैसा ही मैंने सोचा वैसा ही हुआ, बंदर केला खाने के लिए आया और गड्ढे में गिर कर पकड़ा गया।
| नैतिक शिक्षा:- कोई भी काम को अगर सूझ-बुझ और समझदारी से किया जाए तो, कोई भी समस्या का समाधान करना बहुत आसान हो जाता है। |
5) Top 10 Moral Stories in Hindi – जादुई छड़ी की कहिनी

यह कहानी कुछ साल पहले की है, एक छोटी सी गांव था। उस गांव में राजू नाम का एक लड़का था। राजू का पढ़ाई में बिल्कुल मन नहीं था लेकिन खेलकूद में उसका ध्यान ज्यादा रहता था। इसी की वजह से उनका मम्मी और पापा जी बहुत ही परेशान था यह सोचकर, बड़ा होकर हमारे बच्चों का भविष्य क्या होगा?
राजू स्कूल में जाता था लेकिन क्लास में वह कम रहता था और स्कूल के मैदान में बो ज्यादा रहता था। इसी की वजह से स्कूल से अक्सर उनकी मम्मी पापा के पास शिकायत आती रहती थी।
राजू को लेकर उनके मम्मी बहुत ही चिंतित था। एक दिन क्या हुआ, राजु का मम्मी राजू को लेकर चिंता कर रहा था। चिंता करते करते उनका मन में एक विचार आया, क्यों ना उन्हें एक चिट्ठी और एक छड़ी दी जाए। और उस चिट्ठी को और छड़ी को उसका टेबल पर रख देता हूं।
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राजू के माँ ने वैसे ही किया, एक चिट्ठी और एक छड़ी राजू का टेबल पर दिया। राजू जैसे ही खेलकूद कर घर पर आया तब उनका मम्मी राजू को बोला, बेटा अब थोड़ा पढ़ाई कर लो। राजू मम्मी के बात सुनकर पढ़ाई के टेबल में बैठा और राजू ने देखा टेबल पर एक चिट्ठी है।
राजू ने उस चिट्ठी को खोला। और खोल कर देखा की उसमें लिखा हुआ था, “प्यारे राजू मैं परी दीदी हूं”।
“मैं तुम्हें एक बहुत ही अच्छा और शानदार जादुई के छड़ी दे रही हूं। यह छोरी अगर तुम अपने पास पढ़ाई करते समय रखोगे तो आपको हर पढ़ाई याद रहेगा और आप हार क्लास में नंबर वन पर आओगे”।
राजू ने चिट्ठी पढ़कर बहुत ही खुश हुआ। और यह चिट्ठी के बाद उनका मम्मी को बताया, मम्मी ने बोला ठीक है बेटा चिट्ठी में जैसा लिखा है वैसा ही करो। राजू ने वैसा ही करने लगा। दूसरे दिन से जब भी राजू पढ़ाई करने बैठती थी वह छारी अपने पास ही रखता था।
तब से राजू छारी को अपने पास रख कर मन लगाकर पढ़ाई करने लगा। छारी की जादू से उसे सब कुछ याद होने लगा, और सभी लोग उससे बहुत ही हैं प्यार करने लगा। राजू अपनी मां से कहा देखो मम्मी जी छारी की जादू से मैं क्लास में नंबर वन आया हूं।
तब राजू की मां ने कहा, बेटा ये कोई जादुई छड़ी नहीं है, वह सिर्फ एक मामूली छड़ी है। जो मैंने ही तुम्हें सुधारने के लिए तुम्हारे टेबिल पर रखी थी। और यह चिट्ठी भी मैंने ही लिखी थी। तुम जादुई छड़ी की वजह से क्लास में नंबर वन नहीं आए हो, तुम अपना मेहनत और काबिलियत की वजह से ही क्लास में फर्स्ट आए हो।
तब राजू ने कहा, मम्मी मैं अब समझ गया हूं, मेहनत से ही सफलता मिलती है। किसी जादुई छड़ी से नहीं। आज से मैं खुद मेहनत करके पडूंगा और हर क्लास में फर्स्ट आऊंगा।
| नैतिक शिक्षा:- मेहनत से ही सफलता मिलती हे। मेहनत से ही सफलता मिलती हे। |
(6) Best of Moral Stories in Hindi for Class 6
(7) Dost ki Madad Moral Story in Hindi
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(9) पंचतंत्र की शिक्षाप्रद कहानियां | नैतिक शिक्षाप्रद कहानियाँ
(10) Chalak Lomdi Story in Hindi with Moral
Top 10 Moral Stories in Hindi – निष्कर्ष
प्रिय दोस्तों, आज की (Top 10 Moral Stories in Hindi | हिंदी नैतिक कहानियाँ) लघुकथा हमें यह याद दिलाते के, हमें कभी भी कोई भी परिस्थिति में लालच नहीं करना चाहिए। क्योंकि लालच का फल हमेशा बुरा ही होता है। किसीका मदत करनेसे पहले उसे आछी तरह परख लेना बहुति जरुरी हे ,नही तो बो आपकी पीठ पीछे आपको नुकसान पहुंचाएगा।
कोई भी छोटे लोगों की कभी भी मजाक नहीं उड़ाना चाहिए, क्योंकि मुश्किल का समय में कोई भी काम आ सकता है। इसलिए सब को बराबर सम्मान देना चाहिए। कोई भी काम को अगर सूझ-बुझ और समझदारी से किया जाए तो, कोई भी समस्या का समाधान करना बहुत आसान हो जाता है।मेहनत से ही सफलता मिलती हे।
दोस्तों आपको Top 10 Moral Stories in Hindi ये कहानी पड़के केसा महसूस हुआ और ये कहानियाँ पड़के आपको किया सिख मिला हमें जरूर बताई।
Top 10 Moral Stories in Hindi – FAQ
Q. नैतिक कहानी किया होती है?
A. नैतिक कहानी (Top 10 Moral Stories in Hindi) वो कहानी होती है जो हमें जीवन में अच्छे-बुरे की पहचान करता हे, सही दिशा पर चलने की सीख देता हे, और मानवता, ईमानदारी, मेहनत, दया जैसे गुणों को अपनाने की प्रेरणा देती है।
Q. Moral of the Story का किया मतलब होता है?
A. “Moral of the Story” का मतलब होता है, कहानी से मिलने वाली सीख या संदेश।
यानि नैतिक कहानी “Top 10 Moral Stories in Hindi” हमें किया सिखाती है, किया सही है और किया गलत, यही उसका मोरल होता है।
Q. Moral की स्पेलिंग किया है?
A. Moral – यही सही स्पेलिंग है।
इसका अर्थ होता है – नैतिक, सदाचार या सीख देने वाला।
Q. “Moral Stories” का हिंदी में किया अर्थ होता है?
A. “Moral Stories” का हिंदी अर्थ है – नैतिक कहानियाँ या नैतिक सीख देने वाली कहानियाँ।
जैसे – “सच्चाई का फल मीठा होता है”, “लोभी कुत्ता”, “ईमानदारी सबसे बड़ी नीति” आदि।
Q. कहानी से हमें किया नैतिक मिलता है?
A. कहानी से Top 10 Moral Stories in Hindi हमें जीवन जीने की सीख, संस्कार, सकारात्मक सोच, और सही निर्णय लेने की समझ मिलती है।
हर एक अच्छी कहानी हमें कुछ ना कुछ मोरल वैल्यू (moral value) प्रदान करती है, जो हमें एक बेहतर इंसान बनाती है।


